नई दिल्ली। शिवसेना ने अपने पुराने साथी भाजपा पर अपने मुखपत्र सामना में निशाने पर लिया। शिवसेना ने मोदी सरकार के पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ के प्रति नजरअंदाज वाले रवैये पर सवाल किया। उन्होंने मुखपत्र ‘सामना’ में कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता देने की बात कही जा रही है लेकिन सरकार पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ के मुद्दे पर आंखें कब खोलेगी? शिवसेना की ओर से कहा गया कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने के बाद सरकार ने कहा था वहां हालात ठीक हैं लेकिन फिर भी पाकिस्तान की ओर से 84 बार घुसपैठ की कोशिश हुई और 59 आतंकवादी भारत में प्रवेश कर चुके हैं। गौरतलब है कि शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल पर लोकसभा में भाजपा का समर्थन किया था लेकिन जब यह बिल राज्यसभा में आया तो शिवसेना ने इस बिल पर अपने प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने की बात करते हुए वॉकआउट किया था और बिल की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था।
शिवसेना ने कहा, यह चौंकाने वाला है कि सीमापार से बढ़ रही घुसपैठ के बारे में संसद में जानकारी देने के बाद भी इस पर कोई चर्चा या बहस नहीं हुई। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के इस मुखपत्र में बताया गया है कि 2005 से 2019 के बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने 42 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया और 2,253 घुसपैठियों की कोशिशें नाकाम की और पिछले 14 वर्षों में सुरक्षा बलों ने 1,110 आतंकवादियों को मार गिराया है। शिवसेना ने बताया कि 2014 से 2019 के बीच घुसपैठ अपने ‘चरम पर है। बता दें कि वैसे राज्यसभा में वोटिंग को लेकर पहले ही शिवसेना की महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने चेताया था और कहा था कि शिवसेना को इस बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए।