सूख गया शिमला, पानी के लिए हाहाकार, 2018 जैसे हालात

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Water Scarcity in Shimla
Water Scarcity in Shimla

आज समाज डिजिटल, Shimla News:
शिमला में पीने के पानी के लिए कोहराम मच गया है। पहाड़ों की रानी के नाम से विख्यात शिमला में इन दिनों पीने के पानी के लिए लोगों को तरसना पड़ रहा है। शहर के लगभग सभी हिस्सों में 3 से 4 दिन बाद पानी आ रहा है, कई इलाकों में 6 से 7 दिन बाद पानी आ रहा है। शहर के कुछ इलाके तो ऐसे हैं, जहां पर लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।

प्यास से तड़प रही पहाड़ों की रानी

Water Scarcity in Shimla
Water Scarcity in Shimla

राजधानी के विकास नगर से एक ऐसी तस्वीर निकलकर आई है, जो बता रही है कि स्मार्ट बन रही सिटी के हाल क्या हैं। विकासनगर में एक बाबड़ी से लोग पानी भर रहे हैं। यहां पर प्रशासन की तरफ से साफ लिखा गया है कि ये पानी पीने योग्य नहीं है, लेकिन हालात इस तरह के बने हैं कि लोग यहां से पीने के लिए पानी भर रहे हैं। पानी भरने के लिए कतारें लगी हुई हैं।

यहां पर पशु भी घूम रहे हैं, लोग पानी भी भर रहे हैं और यहीं पर कपड़े धोने के लिए मजबूर हैं। यहां के स्थानीय निवासी बता रहे हैं कि अब इसके सिवाए कोई चारा नहीं बचा है। तस्वीर रविवार की है। गौरतलब है कि 2018 में शिमला पानी को लेकर इतना ज्यादा हाहाकार मच गया था कि टूरिस्ट से भी अपील करनी पड़ी थी कि वह शिमला ना आए।

होटल संचालक भी खरीद रहे पानी

होटल चलाने वाले एक कारोबारी को पानी खरीदना पड़ रहा है। शहर के सभी उप-नगरों में 3 से चार दिन बाद पानी आ रहा है। शहर में हर साल गर्मियों के मौसम में इस तरह की स्थिति पैदा हो रही है। मौसम की बेरूखी को देखते हुए लगता है कि अभी ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद कम है। स्थिति ये हो गई है कि पीने के पानी के लिए एचपीयू के छात्रावासों में रह रहे छात्रों को प्रशासन का घेराव करना पड़ा।

सोमवार को छात्रों ने अधिकारियों का घेराव किया तो एचपीयू में कार्यरत एसडीओ राजेश ठाकुर, जूनियर इंजीनियर जगदीश ठाकुर के साथ शिमला जल प्रबंधन निगम के जनरल मैनेजर वर्मा के पास जा पहुंचे। शहरवासी नगर निगम शिमला और शिमला जल प्रबंधन निगम से लोग खासे नाराज हैं।

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