शिमला। हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए सोमवार को नालागढ़ में अपने श्रद्धा सुमन भेंट किए।
अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 6 दशक तक लगातार सफलता के साथ राजनीति करने के चैंपियन वीरभद्र सिंह रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह होना ना तो आसान था, ना आसान होगा, वीरभद्र सिंह होना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने राजनीति की खुली किताब पर जो अध्याय लिख दिए हैं वह अमिट हैं और वह हम सबके लिए प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि हमारा गौरव है कि हमने वीरभद्र सिंह जैसे राजनीतिक समझबूझ वाले स्टालवार्ट नेता के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि न केवल पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके साथ काम करने का मौका मिला, बल्कि विधायक व मंत्री के रूप में भी उनके साथ उनके मार्गदर्शन में काम करने का अवसर मिला।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राजनीति में लाकर स्थापित करना, आगे बढ़ाना, विकास के काम कैसे करने हैं यह सीखना वीरभद्र सिंह की उपलब्धि रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए वीरभद्र सिंह पिता तुल्य रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरू से भी बढ़कर वीरभद्र सिंह है। जिन्होंने हमें चलना सिखाया। उन्होंने कहा कि हरोली क्षेत्र में विकास के नए आयाम तय करने में उनका आशीर्वाद मिला। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता के दिलों पर राज करना ही बताता है कि वीरभद्र सिंह दिल के राजा थे। उन्होंने कहा कि राज परिवार से होने के बावजूद जिस प्रकार वे आम जनता के लिए तड़पते थे, आम जनता के काम के लिए संघर्ष करते थे, नीतियां आम वर्ग के लिए बनाते थे, उनका कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के वफादार सिपाही रहे, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाया आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी वट वृक्ष है। उन्होंने कहा कि हम सब वीरभद्र सिंह के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना है, हिमाचल प्रदेश को आगे बढ़ाना है, हिमाचल प्रदेश की समस्याओं को अधिक से अधिक हल करके देवभूमि को स्वर्ण हिमाचल बनाने का काम करना है। यही वीरभद्र सिंह को हम सब की सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
अग्निहोत्री ने कहा कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर के काम करते हुए वीरभद्र सिंह ने सदैव नये लक्ष्य बनाए, नये मापदण्ड बनाये और हिमाचल की तरक्की के साथ कभी समझौता नहीं किया। उन्होंने कहा कि कठिनाई में चट्टान की तरह अडिग खड़े रहे, जोर जुल्म में संघर्ष करते रहे। वीरभद्र सिंह ने राजनीति में हिमाचल के नए आयाम स्थापित करते हुए हिमाचल का नाम देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध किया आज हिमाचल प्रदेश को वीरभद्र सिंह के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के कल्याण के लिए किए गए कार्यों के लिए हम जितना भी वीरभद्र सिंह को याद करें उतना कम है।