शिमला। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने कहा कि सी.पी.एस. मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय से जो निर्णय आया है, उसका वह स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह निर्णय प्रदेश के लिए राहत की बात है और यह मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू और प्रदेश के लोगों की भी जीत है। प्रदेश के भाजपा नेताओं पर हमला बोलते हुए चौहान ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता हिमाचल हाईकोर्ट के सीपीएस मामले में ऐए आदेश के पैरा-50 का हवाला देते हुए प्रदेश के चुने हुए विधायकों को अयोग्य करार देने को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, लेकिन उन्हें इन आदेशों के बाद मुंह की खानी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से इन भाजपा नेताओं की बोलती बन्द हो गई है और इस चर्चा पर पूर्ण विराम लग गया है।
प्रदेश होईकोर्ट पर्यटन निगम के नौ होटलों को शुरू करने के दिए आदेश
चौहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की है कि वह सीपीएस की आगामी नियुक्तियां नहीं करेगी। उच्चतम न्यायालय में हिमाचल के मामले को दूसरे राज्यों के लम्बित मामलों के साथ जोड़ कर देखा गया है। अब यह सारे मामले इकट्ठे चलेंगे और अगली सुनवाई 20 जनवरी निर्धारित की गई है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला भी सामने आया कि मणिपुर राज्य के मामले में जो फैसला हुआ था, उसमें भी सीपीएस मामले में विधायकों को अयोग्य घोषित नहीं किया गया था और उसी पैटर्न पर हिमाचल प्रदेश के मामले को भी सुरक्षित रखा है।
मीडिया सलाहकार ने कहा कि प्रदेश की चुनी हुई सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है और उसे किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने भाजपा नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के कुछ लोग प्रदेश की चुनी हुई सरकार को निरन्तर अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनके इरादे कभी पूरे नहीं होेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा का ऑपरेशन लोटस भी पहले ही धराशाही हो चुका है, जिसमें भाजपा की जमकर फजीहत हुई थी लेकिन उससे भी भाजपा नेताओं ने सबक नहीं लिया। कांग्रेस के छः विधायकों का पुनः चुनकर विधानसभा पहुंचना मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों एवं विकासात्मक कार्यक्रमों का ही परिणाम था, जिस पर जनता ने अपनी मुहर लगाकर सुक्खू सरकार पर अपना भरोसा जताया।
पर्यटन निगम के नौ होटल फिर होंगे शुरू
पर्यटन निगम के 18 होटलों को बन्द करने की चर्चा पर बोलते हुए नरेश चौहान ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने प्रदेश हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा था, जिसके परिणामस्वरूप निगम के नौ होटलों को पुनः शुरू करने के आदेश हुए हैं। उन्होंने कहा कि निगम के अन्य होटलों को लेकर भी अध्ययन किया जा रहा है और इस मामले में गठित कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होेंने कहा कि पर्यटन निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों और हितधारकों के हित पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है।
चौहान ने यह भी कहा कि निगम के होटलों की इस हालात के लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि यह पूर्व भाजपा सरकार के कुप्रबन्धन के कारण ही आज यह परिस्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार से जो चुनौतियां वर्तमान सरकार को मिली है, उनका राज्य सरकार डटकर मुकाबला कर रही है और उनसे पार पाने के भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने के दिशा में अग्रसर है, जिसके लिए कड़े फैसले लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम जनता के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है।
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