मकानों की मरम्मत पर ध्यान देने के आदेश जारी

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Orders Issued to Pay Attention to the Repair of Houses
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आज समाज डिजिटल, Shimla News:
आरके गुप्ता एसोसिएशन की ओर से बुलाई एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वन विभाग मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन शिमला की ओर से उनके ध्यान में लाए जाने के बाद उन्होंने इस वर्ष छोटे कर्मचारियों के मकानों की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर विशेष ध्यान देने के लिए अपने अधीनस्थ कार्यालयों को आदेश जारी किए हैं।

इन मकानों में बेसमेंट से लेकर टाइप-3 के मकानों की मरम्मत और जीर्णोद्धार पर यह खर्च किया जाएगा। आरके गुप्ता ने बताया कि वन विभाग की आवासीय कालोनियों के लिए मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन शिमला ने अनेक महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

डेढ़ करोड़ का बजट सिर्फ शिमला

उनके ध्यान में लाया है कि बेसमेंट, टाइप-1 टाइप-2 और टाइप-3 के मकानों में मरम्मत की अधिक आवश्यकता है। एपीसीसीएफ आरके गुप्ता ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए बताया कि वे छोटे कर्मचारियों के सरकारी मकानों की हालत सुधारने में विशेष ध्यान देंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि छोटे मकानों के लिए आबंटित किया पैसा दूसरी जगह इस्तेमाल न किया जाए।

मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान प्रकाश बादल ने जब उनके ध्यान में लाया कि टाइप-1 से टाइप-3 के मकानों की मरम्मत की तरफ विशेष ध्यान दिलाया। बादल की ओर से शिमला स्थित कालोनियों की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट उन्हें सौंपी गई तो आरके गुप्ता ने जानकारी थी कि एसोसिएशन के सुझावों और शिमला की कालोनियों की दुर्दशा के मद्देनजर वन विभाग की शिमला स्थित वन विभाग कालोनियों के लिए इस वित्त वर्ष में आवासों और कार्यालयों की मुरम्मत के लिए कुल आठ करोड़ के बजट में से डेढ़ करोड़ रुपये का प्रावधान विशेष कर शिमला के लिए किया है।

प्रदेशभर में वन विभाग की कालोनियों बेहतर

एपीसीसीएफ ने शिमला की वन विभाग मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन की सराहना करते हुए बताया कि उन्हें इस बात की खुशी है कि एसोसिएशन ने हाल ही में अपना चुनाव जीतने के बात जिस तेजी से कर्मचारियों के हित के मुद्दों को उनके ध्यान में लाया है, वह न केवल काबिले तारीफ है, बल्कि इससे इन्हें सुलझाने में विभाग को भी आसानी हो रही है।

उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि पूरे प्रदेश में वन विभाग की कालोनियां सबसे बेहतर हैं, लेकिन उनमें समस्याएँ भी हैं वो इस बात को भी मानते हैं। इस समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान करेंगे और भविष्य में बेहतर तरीके से इसका निराकरण करने के लिए प्रभावी योजना बनाएंगे।