Shimla News: हिमाचल सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर कर रही कार्य, शिक्षा की गुणवत्ता पर तीन दिवसीय कार्यशाला हिप्पा में शुरू, शिक्षा मंत्री ने किया शुभारंभ

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Shimla News Himachal government is working on improving the quality of education

शिमला।‌ हिमाचल में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर तीन दिवसीय कार्यशाला वीरवार को हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) शिमला में आरंभ हो गई। समग्र शिक्षा और हिप्पा के संयुक्त तत्वावधान “क्वालिटी एजुकेशन इन हिमाचल” विषय पर हो रही इस कार्यशाला का शुभारंभ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया। कार्यशाला में पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, केंद्र सरकार के उप शिक्षा सचिव लिंगराज पांडा, समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा, उच्च शिक्षा निदेशक डा. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली, अतिरिक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा बीआर शर्मा, हिप्पा के अतिरिक्त निदेशक प्रशांत सरकैक विशेष तौर पर मौजूद रहे।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में सरकार बनने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनको शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार का कार्य दिया। इसी सोच के साथ शिक्षा के क्षेत्र में बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का स्कूलों को मर्ज करने का कठिन फैसला इस दिशा में लिया गया है। इसके पीछे सोच यही है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था बेहतर हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा विभाग में सुधार का कार्य शुरू किया है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी, तब शिक्षकों के करीब 15 हजार पद खाली थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने शिक्षा विभाग में शिक्षकों के खाली पदों को भरने का फैसला लिया। अकेले प्रारंभिक शिक्षा विभाग में ही करीब 6 हजार से ज्यादा पदों को भरने की मंजूरी दी गई और प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब 3200 शिक्षकों की बैचवाइज भर्ती कराई गईं। इसी तरह पीजीटी शिक्षकों की भी तैनाती की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता इन शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में तैनात करने की है जहां शिक्षकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विशेषकर दूरदराज के स्कूलों में तैनात किया गया है।

बीच सत्र में शिक्षकों के तबादलों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई

शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप न करने की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए शिक्षकों के बीच सत्र में तबादले पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए शिक्षकों की ट्रेनिंग पर फोकस किया जा रहा है। शिक्षकों को एक्सपोजर टूर पर सिंगापुर भेजना और आईआईएम सिरमौर से स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षण देना इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एससीईआरटी और जिला डाइटों को मजबूत करने का फैसला लिया है ताकि शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण मिले। उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम कदम उठाते हुए स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से पढाई करना का फैसला लिया है। हालांकि उन्होंने पंजाबी, उर्दू जैसी भाषाओं के संरक्षण पर भी बल दिया।

परख सर्वे की तैयारियों में सभी अपनी भागीदारी करें सुनिश्चित

शिक्षा मंत्री ने दिसंबर में होने वाले परख सर्वे को लेकर सभी से सहयोग की अपील की और कहा कि इसकी तैयारियों में सभी की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परख में प्रदर्शन हिमाचल का ओवरआल प्रदर्शन होगा। ऐसे में सभी को इसके लिए प्रयास करने होंगे। शिक्षा मंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सभी शिक्षकों का आवाहन करते हुए कहा कि नीतियां सरकार के स्तर पर बनती है, लेकिन जमीनी स्तर पर इनको लागू करने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है। उन्होंने कहा कि कि आने वाले समय में शिक्षा के सुधार के लिए और भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई की तीन दिवसीय इस कार्यशाला से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।

सही दिशा में बढ़ रहा हिमाचलः अनिल स्वरूप

कार्य़शाला में पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि हिमाचल कई मामलों में बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ डाइट अच्छा कार्य कर रहे हैं, इनका अनुकरण दूसरे डाइट भी कर सकते हैं। इसी तरह कई शिक्षक जो अच्छा कार्य कर रहा हो, उनके कार्यों को अन्य शिक्षकों के साथ शेयर किया जा सकता है। उन्होंने डाइटों को मजबूत करने और शिक्षकों के प्रशिक्षण को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल एनजीओ की भी सहायता शिक्षा में ले सकता है, देश में कई एनजीओ बेहतर कार्य कर रहे हैं जिनकी मदद ली जा सकती है।

प्रदेश सरकार ने बड़े फैसले लेने की इच्छा शक्ति दिखाईः राकेश कंवर

शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिक्षा में सुधार की बड़ी इच्छा शक्ति दिखाई है। उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में सरकार ने ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी। सरकार का स्कूलों को मर्ज करने का फैसला इसी दिशा में है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्कूलों के लिए क्लस्टर सिस्टम शुरू करने के फैसले के भी बेहतर परिणाम आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कम बच्चों की संख्या की समस्या से निपटने के लिए सरकार रेजिडेंशियल और डे बोर्डिंग की स्कूल खोलने की दिशा में काम कर रही है।

केंद्र से फंड इस्तेमाल करने में लचीला रवैया अपनाने का आग्रह

शिक्षा सचिव ने केंद्र सरकार से राज्यों को शिक्षा लिए मिलने वाले फंड को लेकर लचीला रवैया अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि फंड के इस्तेमाल करने में राज्यों को फ्लेक्सिबिलिटी देनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार रेकरिंग एक्सपेंडिचर के लिए भी फंड जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि तीन दिनों की यह कार्यशाला प्रदेश में शिक्षा की सुधार की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी। इस कार्य़शाला में शिक्षा उपनिदेशक, डाइट प्रिसिंपल, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक, स्कूलों के एमएसी समग्र शिक्षा निदेशालय में तैनात विभिन्न कार्यक्रमों के नोडल अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

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