शिमला। सर्वोच्च न्यायालय ने सीपीएस रहे विधायकों को अयोग्य करार दिए जाने की कार्यवाही शुरू करने के हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगा दी है। सीपीएस रहे विधायकों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय की रोक से सरकार को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना व जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के पश्चात न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेशों पर रोक लगाई। साथ ही याचिकाकर्ता व सरकार दोनों से दो-दो सप्ताह में जवाब दायर करने को कहा है। सर्र्वोच्च न्यायालय में अब इस मामले की सुनवाई 20 जनवरी को होगी। बता दें कि हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के 18 वर्ष पुराने सीपीएस कानून 2006 को अवैध-असांविधानिक करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के सीपीएस कानून से जुड़ीं अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें कि सीपीएस मामले पर हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले के पैरा नंबर 50 के तहत विधायकों की सदस्यता जा सकती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट से राहत के बाद मामले पर अंतिम फैसला आने तक सीपीएस विधायक के पद पर बने रहेंगे।
उघर, हिमाचल सरकार के महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्य संसदीय सचिव के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता से संबंधित कार्रवाही पर रोक लगाते हुए कहा कि इस संबंध में आगे कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। रतन ने कहा, “हमने कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया है कि निकट भविष्य में सीपीएस के लिए कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी।”
सीपीएस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद संजय अवस्थी, राम कुमार चौधरी, आशीष बुटेल, मोहन लाल ब्राक्टा, किशोरी लाल और सुंदर सिंह ठाकुर को मुख्य संसदीय सचिव के पद से हटना पड़ा है। शीर्ष अदालत में सरकार की ओर दायर याचिकाओं में कहा गया है कि मुख्य संसदीय सचिव और संसदीय सचिव के पद 70 वर्षों से भारत और 18 सालों से हिमाचल में हैं। याचिका में दलील दी गई है कि हिमाचल सरकार ने गुड गवर्नेंस और जनहित के कार्यों के लिए सीपीएस नियुक्त किए थे।
Also Read:Chandigarh News: मौजूदा सोसायटियों नई पंजीकरण संख्या प्राप्त करने के लिए करें ऑनलाइन आवेदन
Also Read:Chandigarh News: जोनल मैनेजर ने किया सरस मेले का दौरा
Also Read:Charkhi Dadri News : सीएम सैनी ने सर्वश्रेष्ट विस्तारक राजेश द्वारका को सम्मानित किया