- हिमाचल में कुल 8 लाख 46 हजार 209 पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार
- पिछले दो वर्षों में 28, 661 लोगों को मिला सरकारी रोजगार
आज समाज डिजिटल, Shimla News:
देशभर में बेरोजगारी किस चरम पर है। इसका अंदाजा वेकेंसी निकलते ही लगा लिया जाता है। आइये बात करते हैं हिमाचल प्रदेश की। यहां विश्वविद्यालय में चपड़ासी की नौकरी के लिए फार्म निकले हैं। आवश्यक शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास है। यदि अभ्यर्थियों के आवेदन पर नजर दौड़ाई जाए तो पता लगता है कि इसके लिए दसवीं के टापरों ने आवेदन किया है। यहां एक युवती के 10वीं में 96.85 फीसदी अंक हैं। इसके अलावा अन्य आवदेकों के भी 90 प्रतिशत से ऊपर अंक हैं.
93 पदों पर की जानी है भर्ती
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में चपड़ासी के 93 पदों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में कैटेगिरी के हिसाब से मेरिट सूची जारी की है और मेरिट में जो बात सामने आई है, उससे हर कोई हैरान है। लिस्ट से पता चलता है कि हिमाचल में पढ़े-लिखे युवाओं के लिए बेरोजगारी किस तरह से गंभीर समस्या है। एचपीयू ने पद के लिए तय की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं रखी थी। अभ्यर्थियों को अपने दावे पेश करने के लिए 25 जून तक का समय दिया था।
हिमाचल प्रदेश में 8 लाख 46 हजार 209 पढ़े लिखे युवा बेरोजगार हैं।
चौंका रहा था विधानसभा में पेश आंकड़ा
बीते साल अगस्त में विधानसभा के मानसून सत्र में यह आंकड़ा पेश किया था। रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों का डाटा सार्वजनिक किया गया था। उद्योगमंत्री की ओर से लिखित जवाब में बताया गया था कि 31 जनवरी 2020 तक प्रदेश में 8 लाख 46 हजार 209 बेरोजगार शिक्षित बेरोजगार थे। पिछले दो वर्षों में 28, 661 लोगों को सरकारी क्षेत्रों में रोजगार मुहैया करवाया गया है और प्रदेश में पोस्ट ग्रेजुऐट की डिग्री लेने वाले 76 हजार 318 युवा बेरोजगार हैं। हालांकि, अब दो साल बाद हिमाचल में यह आंकड़ा बढ़ गया है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हिमाचल में 100 में 12 लोग बेरोजगार हैं।
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