शिमला-मटौर फोरलेन सड़क परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने में रंगलाए वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयास

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Shimla-Mataur Fourlane Road Project

आज समाज डिजिटल, Shimla-Mataur Fourlane Road Project : हिमाचल की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियां इसे सड़क संपर्क की दृष्टि से एक चुनौतीपूर्ण राज्य बनाती हैं। राज्य में सड़क संपर्क को सुदृढ़ करने को वर्तमान प्रदेश सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है।

मौजूदा सड़क अधोसंरचना को विकसित कर इस पहाड़ी राज्य की जीवन रेखाओं को जीवंत एवं सुगम्य बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार समयबद्ध एवं तेजी से कार्य कर रही है। राजधानी शिमला को प्रदेश के छः प्रमुख जिलों से जोड़ने वाली शिमला-मटौर फोरलेन सड़क परियोजना को साकार रूप प्रदान करने के लिए वर्षों से प्रयास किए जाते रहे हैं। विभिन्न कारणों सेयह परियोजना पिछले कुछ वर्षों से गति नहीं पकड़ पा रही थी।

हाल ही में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से भेंट कर प्रदेश में संचालित की जाने वाली फोरलेन परियोजनाओं के कार्य को प्राथमिकता प्रदान करने का आग्रह किया था।

बैठक की निरंतरता में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदस्य ने हिमाचल पहुंच कर प्रदेश सरकारसे विभिन्न पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। एनएचएआई के समक्ष भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर इस सड़क परियोजना को मूर्त रूप प्रदान करने में वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयास रंग लाए हैं।

शिमला से मटौर तक राष्ट्रीय राजमार्ग का उन्नयन कर इसे फोरलेन में बदलने के लिए अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है। इस परियोजना का कार्य विभिन्न पैकेज में पूरा किया जाएगा। प्रत्येक पैकेज को लगभग 40-45 किलोमीटर में विभाजित किया गया है।

लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की इस परियोजना से शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, सोलन तथा कांगड़ा जिलों की लाखों की जनसंख्या सीधे लाभान्वित होगी। अपने विभिन्न कार्यों से इन जिलों के लोगों का राजधानी शिमला आना लगा रहता है।

फोरलेन सड़क बन जाने से धर्मशाला से शिमला की दूरी लगभग 21 किलोमीटर कम होगी और इससे लगभग नौ घंटे का सफर करीब पांच घंटे में पूरा हो सकेगा। इससे लोगों के समय एवं पैसे दोनों की ही बचत होगी। बेहतर सड़क संपर्क से यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी उत्तरोतर बढ़ोतरी होगी।

प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र में शिमला की देश-दुनिया में अपनी विशिष्ट पहचान है। यहां आने वाले सैलानियों को कांगड़ा घाटी की ओर मोड़ने में बेहतर सड़क संपर्क मुख्य भूमिका निभाएगा। वर्तमान प्रदेश सरकार ने कांगड़ा जिला को प्रदेश की ‘पर्यटन राजधानी’ के रूप में घोषित किया है। ऐसे में राजधानी शिमला से पर्यटन राजधानी तक देश-विदेश के सैलानियों को उच्च स्तरीय सड़क अधोसंरचना केसाथ ही उन्हें फोरलेन के किनारे आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएंगी।

शिमला से मटौर तक भूमि अधिग्रहण सहित अन्य औपचारिकताओं को पूर्ण करने के लिए प्रदेश सरकार ने संबंधित विभागों एवं निकायों को लक्षित एवं समयबद्ध कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। प्रभावित परिवारों को मुआवजा प्रदान करने के कार्य को भी गति प्रदान की गई है। सरकार के इन प्रयासों से निश्चित ही यह महत्वाकांक्षी परियोजना अपनी निर्धारित अवधि में साकार रूप ले सकेगी।

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