Shimla Landslides: शिमला के अस्तित्व पर बढ़ा संकट, अंग्रेजों ने 25 हजार लोगों के लिए बसाया था शहर, अब आबादी करीब 2.5 लाख

0
435
Shimla Landslides
शिमला के अस्तित्व पर संकट, 25 हजार लोगों के लिए बसाया था शहर, अब जनसंख्या 2.5 लाख

Aaj Samaj (आज समाज), Shimla Landslides, शिमला: हाल ही में हुई भारी बारिश व भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के अस्तित्व पर संकट बढ़ता दिख रहा है। रविवार से शहर में बारिश हो रही है और सैकड़ों देवदार के पेड़ गिर गए हैं। कई बड़े-बड़े भवनों मेें दरारें पड़ने से प्रशासन उन्हें खाली करवा रहा है। शिवबाड़ी मंदिर के मलबे में अब भी मलबे में 7-8 लोगों के दबे होने की आशंका है। पुलिस के पास 21 लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। यह भी जानकारी है कि अंग्रेजों ने शिमला को केवल 25000 लोगों के रहने के लिए बसाया था और अब शहर में 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। अब यहां 35 हजार से ज्यादा भवन हैं। पिछले वर्षों में शिमला की आबादी कई गुना बढ़ी है और पर्यटन सीजन में तो जनसंख्या और अधिक हो जाती है।

छह वर्ष पहले एनजीटी ने भी किया था अलर्ट

छह साल पहले राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने शिमला पर बढ़ते भार को लेकर प्रश्न उठाए थे। 2017 में शिमला के मुख्य और हरित क्षेत्रों में आवासीय, संस्थागत और वाणिज्यिक समेत सभी निर्माण पर न्यायाधिकरण ने प्रतिबंध लगा दिया। अपने आदेश में कहा था कि शिमला शहर पर क्षमता से ज्यादा भार है और भवन निर्माण व वाहनों पर नियंत्रण लगाने की जरूरत है। इसके बाद शहर की भार सहने की क्षमता तय करने के लिए कमेटी भी गठित की थी, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो पाया। इसके विपरीत मामले को बदतर बनाने के लिए, इमारतों को 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है।

भूकंप के लिहाज से शहर भूकंपीय क्षेत्र IV में

शिमला भूकंपीय क्षेत्र IV में है। भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी यहां लापरवाही जारी है। पहला चेतावनी संकेत 2000 के दशक की शुरुआत में दिखाई दिया, जब लोगों ने विशाल रिज पर बड़ी दरारें देखीं, जिसमें क्राइस्ट चर्च और स्टेट लाइब्रेरी जैसे स्थलचिह्न हैं। ब्रिटिश काल से 10 लाख गैलन पानी के जलाशय को कवर करने वाले रिज की मरम्मत के लिए कई प्रयास किए गए हैं। स्थिति को ध्यान में रखते हुए।

अधिकारियों ने भी मानी उल्लंघन की बात

अधिकारियों ने भी माना की शिमला में 14 प्रमुख इलाके 70-80 डिग्री के औसत ढाल पर स्थित हैं, जहां अधिकांश इमारतें उपनियमों और भवन निर्माण मानदंडों का उल्लंघन करती हैं और यहां तक कि भूकंपीय मानदंडों का भी पालन नहीं किया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शिमला के रिज के उत्तरी ढलान, मॉल के ठीक ऊपर एक खुली जगह, जो पश्चिम में ग्रैंड होटल और पूर्व में लक्कड़ बाजार तक फैली हुई है, धीरे-धीरे धंस रही है।

यह भी पढ़ें :  

Connect With Us: Twitter Facebook