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हिमाचल में जंगलों की आग से हवा जहरीली हो रही है। कई शहरों में एयर क्वलिटी इंडेक्स 100 माइक्रो से ज्यादा हो गया है। इस समय आलम यह है कि शिमला की हवा परवाणू और ऊना से भी ज्यादा खराब है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एयर क्वालिटी इंडेक्स मुताबिक शिमला का एयर क्वालिटी इंडेक्स 83 माइक्रोग्राम जबकि ऊना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 60 माइक्रोग्राम है। परवाणू का एयर क्वालिटी इंडेक्स 68 माइक्रोग्राम है।
आग की भेंट चढ़ रहे हिमाचल के जंगल
हिमाचल में लंबे ड्राई स्पेल के कारण जंगल आग की भेंट चढ़ रहे हैं। इसी तरह समर टूरिस्ट सीजन पीक पर होने से प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर भारी संख्या में सैलानियों के वाहन पहुंचने से भी हवा की गुणवत्ता पर असर पड़ना स्वाभाविक ही है। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे ज्यादा 163 माइक्रो ग्राम रिकार्ड किया गया।
ठीक नहीं एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ना
डामटाल का एयरक्वालिटी इंडेक्स 103 माइक्रोग्राम, बरोटीवाला 119 माइक्रोग्राम, नालागढ़ 103 माइक्रोग्राम, कालाअंब का 135 माइक्रोग्राम और पांवटा साहिब का 139 माइक्रोग्राम एक्यूआई चल रहा है। बद्दी का 180 माइक्रोग्राम तक भी पहुंच रहा है। कार्बन क्रेडिट स्टेट हिमाचल में एयर क्वालिटी इंडेक्स का बढ़ा अच्छा संकेत नहीं है। एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा में मौजूद जहरीले कणों को मापने का जरिया है। इसके 100 माइक्रो ग्राम से अधिक होने से इनसान के फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पड़ने लगता है।
सांस के साथ प्रवेश कर रही जहरीली हवा
वायुमंडल में घुलने वाली जहरीली हवाएं सांस के साथ गले, श्वास नली और फेफड़ों तक पहुंच सकती हैं। इससे अस्थमा व श्वास रोगों की शुरूआत होने का भय रहता है। धूल के कारण चर्म रोग और आंखों में जलन भी होती है। कोरोना मरीजों को एक्यूआई का खराब होना अच्छा संकेत नहीं है। सप्ताह पहले एक्टिव केस 41 रह गए थे। अब कोरोना मामले बढ़कर 142 हो गए हैं।
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