नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने अभिव्यक्ति की आजादी के सवाल पर पीएम मोदी को मंगलवार को घेरा। उन्होंने पीएम पर कटाकक्ष करते हुए खुल पत्र उनके नाम लिखा। अपने पत्र में शशि थरूर ने मॉब लिंचिंग मामले में पीएम पत्र लिखने वालों पर केस दर्ज होने के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि कहीं मन की बात मौन की बात बनकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान देश के सभी नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी देता है। किसी भी व्यक्ति की आलोचना करने का अधिकार देता है। ऐसे में किसी की आलोचना को देशद्रोह की तरह देखना और ऐसा करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करना गलत है।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्मकार अनुराग कश्यप समेत मॉब लिंचिंग पर सरकार को खत लिखने अन्य वालों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने को लेकर कांग्रेस नेता ने अपना खत ट्वीट कर प्रतिक्रिया रखी। उन्होंने लिखा- हम उम्मीद करते हैं कि आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे ताकि मन की बात कहीं मौन की बात न बन जाए। उन्होंने पीएम मोदी के एक पुराने भाषण का हवाला देते हुए कहा कि पीएम जी, आपने साल 2016 में यूएस कांग्रेस को संबोधित करते हुए भारत के संविधान को पवित्र किताब बताया था। आपने कहा था कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति, भाषण और समानता का अधिकार देता है।शशि थरूर ने आगे लिखा कि भारत के नागरिक के तौर पर हम चाहते हैं कि बगैर किसी डर के आपके समक्ष राष्ट्र महत्व से जुड़ी बातें रखे पाएं, ताकि आप तक बातें पहुंचे और फिर आप उसपर कोई फैसला ले सकें। हम उम्मीद करते हैं कि आप भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेंगे ताकि ‘मन की बात’ ‘मौन की बात न’ बन पाए।