नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोविड-19 की मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। कोविड की स्थिति महाराष्ट्र में अत्यधिक चिंताजनक होती दिख रही है। जबकि दूसरी ओर राजनीति भी उतनी ही चिंताजनक चल र ही है। उद्धव सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख के कोरोना संक्रमित होने के बाद विपक्ष उनपपर हमलावर हो गया है। यहां तक कि उनके इस्तीफेतक की मांग की जा रही है। दरअसल विपक्ष आरोप लगा रहा है कि अनिल देशमुख के कोरोना पॉजिटिव होनेकेबाद भी प्रेस कांन्फ्रेंस की थी। आज एनसीपी प्रमुख ने शरद पवार ने सोमवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट देने की कोशिश की। हालांकि 15 फरवरी का अनिल देशमुख का वीडियो सामने आने पर सकपका भी गए। दरअसल शरद पवार ने पर्चा दिखाकर अनिल देशमुख का बचाव किया कि वह 5 से 15 फरवरी तक अस्पताल में एडमिट थे। लेकिन खुद अनिल देशमुख ने 15 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस का अपना वीडियो ट्वीट किया था। जब मीडिया द्वारा शरद पवार से उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में पूछा गया तो वह कुछ देर के लिए तो झेंप गए लेकिन उन्होंने कहा कि मैं तो इस पर्चे के आधार पर बात कर रहा हूं। हालांकि बाद में वह यह कहते दिखे यह लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने बातचीत की थी। इससे पहले शरद पवार ने अनिल देशमुख का बचाव करते हुए कहा, ‘पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर ने अपने लेटर में कहा है कि अनिल देशमुख और सचिन वाझे के बीच फरवरी के मध्य में मुलाकात हुई थी। वहीं अस्पताल का यह पर्चा बता रहा है कि अनिल देशमुख 5 से 15 फरवरी के दौरान नागपुर में कोरोना के इलाज के लिए एडमिट थे। इसके बाद वह 27 फरवरी तक होम क्वारेंटीन में चले गए थे।