Shani Jayanti Date, आज समाज डिजिटल: शनि जयंती हर वर्ष ज्येष्ठ आमवस्या को मनाई जाती है। इसका कारण यह है, क्योंकि न्याय के देवता शनिदेव का जन्म ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हुआ था। शनि देव को कर्मफलदाता भी कहते हैं। शनि देव की माता छाया और पिता सूर्य देव हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि शनि जयंती इस बार कब है और इसका मुहूर्त व इस मौके पर कौन-कौन शुभ योग हैं।
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उदयातिथि में इस तारीख को मनाई जाएगी जयंती
शनि जयंती पर शनिदेव का जन्मदिन मनाया जाता है। शनि देव के जन्मोत्सव पर पूजा पाठ व दान वगैरह करने से साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष में राहत मिलती है। शनि जयंती पर शनि मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ किया जाता है और कई तरह के आयोजन किए जाते हैं।
आवश्यक ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक इस बार शनि जयंती के लिए आवश्यक ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 26 मई है। उस दिन सोमवार है और ज्येष्ठ अमावस्या तिथि दोपहर 12:11 मिनट से शुरू होकर यह 27 मई मंगलवार को सुबह 8:31 मिनट तक मान्य है। इसलिए शनि जयंती के लिए उदयातिथि की मान्यता है। ऐसे में शनि जयंती इस वर्ष 27 मई को मनाई जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त
27 मई को शनि जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त 4 बजकर 3 मिनट ए एम से 4 बजकर 44 ए एम तक है। इस समय आप स्नान करके व्रत व शनि पूजा का संकल्प लें। अगर आप इस समय उठ न पाएं तो सूर्योदय बाद भी यह काम कर सकते हैं। शनि जयंती पर अभिजीत मुहूर्त (शुभ समय) 11:51 ए एम से दोपहर 12:46 पी एम तक है।
पूजा के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ
इस बार शनि जयंती वाले दिन 7 मिनट का शुभ योग (सर्वार्थ सिद्धि योग) बन रहा है। आप सूर्योदय से शनि देव की पूजा कर सकते हैं, क्योंकि सुकर्मा योग रात तक रहेगा। यह एक शुभ योग है, पर शनि पूजन के लिए सर्वार्थ सिद्धि योग अत्यंत शुभ योग माना जाता है, लेकिन यह 7 केवल मिनट के लिए ही है। इसे योग में आप जो भी कार्य करेंगे उसका शुभ फल अवश्य मिलता है। कार्य में कामयाबी मिलती है। शनि जयंती वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह में 5:25 मिनट से सुबह 5:32 मिनट तक है।
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