नवीन मित्तल, शहजादपुर :
पूर्व केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री व अंबाला लोकसभा से सांसद रतनलाल कटारिया ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा लोकसभा में जासूसी मुद्दे (पेगसास) को हथियार बनाकर संसद के दोनों सदनों को ठप्प किए हुए हैं, सभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा की जगह सडकों व सदन में हंगामे खड़े करना कौन से लोकतंत्र को मजबूत करने की निशानी है। सांसद रतन लाल कटारिया ने प्रेस विज्ञिप्त के माध्यम से कहा कि संसद में आज के प्रशन काल में अधिकतर 20 में से लगभग 18 प्रश्न किसानों से सम्बंधित थे एवं विपक्ष किसानों के मुद्दे को लेकर गंभीर होता तो आज इन प्रश्नों पर संसद में बेहतरीन चर्चा हो सकती थी। सांसद रतन लाल कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर्वदलीय बैठक से संयम अपील कर चुके हैं तथा आश्वासन दे चुके हैं कि सरकार हर मुद्दे पर बातचीत के लिए तैयार है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा में सदन के नेता पियूष गोयल व संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस के नेता खडके सहित बार-बार बातचीत की परन्तु विपक्ष के रवैया से लगता है कि विपक्ष की दिलचस्पी संसद में मुद्दों पर चर्चा में नहीं हैं बल्कि देश में एक नकारात्मक माहौल बनाने में ज्यादा है।
रतन लाल कटारिया ने कहा कि कृषि से संबंधित निम्नलिखित प्रश्न
जैसे- क्या देश विश्व में 5वें सबसे बड़े बीज बाजार के रूप में उभर रहा है, क्या भारतीय बीज बाजार दुनिया के सबसे बड़े बीज बाजारों में से एक है, भारत का बीज निर्यात लगभग 1000 करोड रुपए का है, क्या भारत सरकार प्रत्येक वर्ष 70- 75 हजार क्विंटल उच्च उपज वाली किस्मों के बीज आवंटित करती है। क्या किसान देश के बीच बाजार से वित्तीय लाभ प्राप्त कर पा रहा है। सरकार देश में गुणवत्तापूर्ण बीजों की कमी को लेकर क्या-क्या कदम उठा रही है। सरकार द्वारा चलाई गई एफपीओ योजना में 2 करोड़ तक का ऋण ले सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसल के नष्ट होने पर क्या किसानों को बीमे की राशि का मुआवजा मिलता है। केंद्र सरकार द्वारा सिंचाई के अंतर्गत कृषि भूमि को बढ़ाने पर चर्चा सरकार द्वारा किसानों को डिजिटल सेवा का लाभ प्रदान करने का मुद्दा, अगर संसद में इन पर चर्चा होती तो देश के किसानों सहित समाज के गरीब वर्गो में भी अच्छा संदेश जाता। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में किसानों को हजारों करोड रुपए का मुआवजा प्रदान किया गया है और उनकी फसलों को एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित की गई है। रतनलाल कटारिया ने कहा कि संसद का आज 12 वा दिन था और दोनों सदनों में हंगामे का माहोल बना हुआ था। एक दलित सांसद होने के नाते मेरी विपक्षी दलों से निवेदन है कि अभी भी मानसून सत्र के 8 दिन बकाया हैं इसलिए भारत के अनुसूचित जाति, जनजाति व बैकवर्ड समाज से संबंधित जो भी मुद्दे उठाए जाए उन पर संसद में चर्चा होने दे, ताकि भारत के अनुसूचित जाति, जनजाति व बैकवर्ड समाज आर्थिक व सामाजिक दृष्टि से सशक्तिकरण की स्थिति में खड़ा हो।
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