नवीन मित्तल, शहजादपुर:
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवम् हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य अशोक मैहता ने प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार पर प्रदेश मे गिरते शिक्षा स्तर को लेकर हमला बोला है। यह बात मेहता ने शहजादपुर में मीडिया से बातचीत में कही।मैहता ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार युवाओं के साथ साथ प्रदेश के बच्चों के भविष्य को भी बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस सरकार को प्रदेश के विद्यार्थियों की कोई चिंता नहीं है। सरकार सिर्फ केंद्र सरकार को खुश करने मे जुटी है। केंद्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति देश में 2030 तक लागू करने की बात कहते ही प्रदेश सरकार ने प्रचार शुरू कर दिया कि वे इसे 2025 तक हरियाणा में लागू कर देंगे। जबकि धरातल पर देखें तो वर्ष 2014 से भाजपा सरकार बनने के बाद से हरियाणा में शिक्षा का स्तर लगातार गिर रहा है।
मैहता ने कहा कि इस सरकार की विफलताओं के कारण पहले से चल रहे प्राइमरी स्कूलों की संख्या को घटाया जा रहा है। स्कूलों में स्टाफ का अभाव है। ऐसे में प्रदेश सरकार को आगे दौड़, पीछे छोड़ की तर्ज पर चलने की बजाए पहले से चल रहे स्कूलों में स्टाफ की कमी को पूरा करना चाहिए। प्रदेश की गठबंधन सरकार को सरकारी स्कूलों की मौजूदा स्थिति को लेकर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। जिसमें बताया जाए कि इस समय स्कूलों में स्टाफ के कितने पद खाली हैं, कितने स्कूल बंद किए गए और कितने स्कूलों में विद्यार्थी खस्ताहाल बिल्डिंग के चलते जान जोखिम में डाल कर पढ़ने को मजबूर हैं। इससे प्रदेश के लोगों को भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की कथनी और करनी का पता चल जाएगा।
मैहता ने सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (रऊॠ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि आज हालत यह हैं कि हरियाणा प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में पड़ोसी राज्यों से भी पिछड़ गया है। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में नए स्कूल खोलने की बजाए सैकड़ों स्कूलों को बंद कर दिया गया है। आज तक भाजपा सरकार ने प्राइमरी टीचर्स की भर्ती प्रक्रिया तक शुरू नहीं की। पीटीआई और ड्राइंग टीचर्स की नौकरी छीनने का काम किया। नई भर्ती करने की बजाए संस्कृत लेक्चरर व अंग्रेजी टीचर की भर्तियों को रद्द कर दिया। इस सरकार में हरियाणा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा के पेपर लीक हुए। यह हमारे प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।
कांग्रेस नेता मैहता ने कहा कि जब तक मौजूदा स्कूलों में स्टाफ की कमी पूरी नहीं होगी, नए स्कूल नहीं खुलेंगे, नई भर्तियां नहीं होंगी, तब तक शिक्षा का स्तर सुधारने की बात करना बेमानी है। 2014 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से आज तक प्राइमरी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए जेबीटी की भर्ती तक नहीं निकाली गई। जब नींव ही कमजोर होगी तो फिर शिक्षा के स्तर में सुधार की गुंजाइश ही नहीं बचती। सरकार विद्यार्थियों के भविष्य को अंधकारमय ना करे, सरकार पहले प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करे।