भाकियू(चढूनी ग्रुप) द्वारा शहजादपुर में स्थित अनाज मंडी में 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली राष्ट्रीय किसान महापंचायत को लेकर आयोजित की गई किसानों की बैठक के दौरान भाकियू(चढूनी ग्रुप)व भाकियू भाईचारा ग्रुप हरियाणा के बीच उस समय विवाद पनप गया जब भाकियू भाईचारा ग्रुप के प्रदेशाध्यक्ष नरपत राणा ने अपने साथियों के साथ अनाज मंडी में पहुंचकर गुरनाम सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए काले झंडे दिखाने शुरू किये,उसी समय चढूनी समर्थक व भाकियू भाईचारा ग्रुप के लोगों झड़प हो गई।देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ा कि दोनों गुटों में जमकर डंडे व ईंटे चली। बताया जा रहा है कि भाकियू भाईचारा ग्रुप के लगभग आधा दर्जन लोगों चोटें आई हैं जिन्हें इलाज के लिए सीएचसी शहजादपुर पहुंचाया गया। हालांकि झगड़े की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी जसवंत सिंह ने मामले को शांत करवाया,परन्तु बावजूद इसके एक बार दोबारा स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गया।पुलिस ने दोनों गुटों को शांत करवाते हुए घायलों अस्पताल भेजा।
शनिवार को पहले से तय किये गए कार्यक्रम के अनुसार कस्बा शहजादपुर में स्थित अनाज मंडी में भाकियू(चढूनी ग्रुप) द्वारा 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली राष्ट्रीय किसान महापंचायत को लेकर एक किसानों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में भाकियू(चढूनी ग्रुप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी किसानों से रूबरू हुए। बैठक में किसानों को सम्बोधित करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मिशन उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड को लेकर 5सितंबर को मुजफ्फरनगर में एक किसान महापंचायत का आयोजन सयुंक्त मोर्चे द्वारा किया जा रहा है, जिसमे पूरे देश से किसान पहुंचेंगें। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि 5 सितंबर को भारी संख्या में मुजफ्फरनगर पहुंचें। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को तेज करने के लिए हर गांव से पांच पांच लोग दिल्ली आंदोलन में अवश्य पहुंचें।
गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार किसानों में आपसी फूट डलवाकर आंदोलन को कमजोर करना चाहती है,लेकिन देश का किसान सरकार की चालों को समझता है और आपसी भाईचारे टूटने नही देगा।उन्होंने कहा कि सरकार चाहे कितने भी मुकदमे किसानों पर दर्ज करवा लें,बावजूद इसके किसान अपने हकों की लड़ाई जीतकर ही रहेगा। गुरनाम सिंह चढूनी ने करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज रोष प्रकट करते हुए कहा कि करनाल में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था,जिसको लेकर विरोधस्वरूप किसान लगभग 15 किलोमीटर दूर थे जहां पुलिस ने उन्हें रोकर कर लाठीचार्ज कर दिया,जिसमे हमारे काफी संख्या में हमारे किसान भाई घायल हो गए हैं और पूरे हरियाणा में रोड जाम की काल दे दी गई है और पूरे हरियाणा में रोड जाम किया जाएगा। जिसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी ने अपने साथियों को दिशा निर्देश दिए और करनाल के लिए रवाना हो गए।
वहीं दूसरी ओर भाकियू(चढूनी ग्रुप) व भाकियू भाईचारा ग्रुप के बीच उस समय विवाद हो गया जब भाकियू भाईचारा ग्रुप के प्रदेशाध्यक्ष नरपत राणा ने अपने कुछ साथियों के साथ अनाज मंडी में काले झंडे लेकर गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नरपत राणा व उनके साथी जिस समय बैठक स्थल के नजदीक पहुंचे और नारेबाजी की उसी समय चढूनी समर्थकों में भी रोष पनप गया,जिसके चलते चढूनी समर्थक बैठक स्थल से उठकर भाकियू भाईचारा ग्रुप के लोगों के पास पहुंचे और उन्हें वापिस के जाने के लिए कहने लगे और इसी को लेकर दोनों ग्रुपों के लोगों के बीच झड़प हो गई। देखते ही देखते चढूनी ग्रुप के सैंकड़ों लोग बैठक स्थल से उठकर नरपत राणा व उनके साथियों का विरोध करने लगे और दोनों गुटों के बीच विवाद इतना बढ़ा की लाठियां व ईंटे रोडों बरसने शुरू हो गए। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी जसवंत सिंह ने स्थिति को संभालते हुए सभी को शांत करवाया और झगड़े में घायल लोगों को सीएचसी शहजादपुर भिजवाया। जबकि दोनों यूनियनों के बीच हुए घटनाक्रम को लेकर बैठक में मौजूद होते हुए भी गुरनाम सिंह चढूनी ने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि मुझे इसके बारे में कुछ नही पता।
यहां पर हैरानी की बात तो यह रही कि भाकियू(चढूनी ग्रुप) के तय कार्यक्रम के बारे प्रशासन को पहले से पता होने के बावजूद किसी भी तरह की अनहोनी को लेकर अनाज मंडी में कोई भी इंतजाम नही किया गया था। हालात यह रहे कि दोनों किसान यूनियनों के बीच काफी देर तक मारपीट होती रही और पुलिस बाद में पहुंची और दोनों ग्रुपों को शांत करवा स्थिति पर काबू पाया। परन्तु एक बार दोबारा स्थिति तनावपूर्ण होता देख प्रशासन ने मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया, जिसमे डीएसपी, नायब तहसीलदार सहित भारी पुलिस बल था।