सुप्रीम कोर्ट ने आज शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में सड़क को रोक कर प्रदर्शनकारी वहां जमकर बैठ गए थे और सीएए को वापस लेने की मांग कर रहे थे। आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि विरोध-प्रदर्शनों के लिए शाहीन बाग जैसे सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा करना स्वीकार्य नहीं है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चितकाल तक कब्जा नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने इसके साथ यह भी स्पष्ट किया कि विरोध प्रदर्शन निर्धारित जगह पर ही होना चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन चल रहा था। इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कहा कि इस मामलेमेंउन्हेंकार्रवाई करनी चाहिए थी। प्राधिकारियों को खुद कार्रवाई करनी होगी और वे अदालतों के पीछे छिप नहीं सकते। इस मामले पर न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय न्यायिक पीठ ने फैसला सुनाया और कहा कि लोकतंत्र और असहमति साथ-साथ चलते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि प्रदर्शन निधार्रित जगहों पर ही होन चाहिए। इस पीठ में जस्टिस अनिरुद्ध बोस औप कृष्ण मुरारी भी थे। ब्