नई दिल्ली। शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ लगातार दो महीने से प्रदर्शन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इस रास्ते को खुलवाने के लिए वार्ताकार नियुक्त किए हैं जो लगातार प्रयास कर रहे हैं। चार दिन से सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त वातार्कार साधना रामचंद्रन प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रहीं हैं ताकि कोई बीच का हल निकाला जा सके। शनिवार की सुबह भी प्रदर्शनकारियों से मिलने और बातचीत के लिए पहुंची। उन्हें रास्ता खोलने के लिए समझाया। लेकिन कोई सकारात्मक हल सामने नहीं आया। शनिवार को भी बातचीत बेनतीजा ही रही और साधना रामचंद्रन को वापस लौटना पड़ा। सीएए व एनआरसी के विरोध में शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोगों का कहना रहा कि हमारी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट आदेश दे। हमारी सुरक्षा पुलिस पर न छोड़ी जाए। यही नहीं प्रदर्शनकारी इसके अलावा अन्य शर्तें भी रखीं। उन्होंने कहा कि जामिया और शाहीन बाग के लोगों के ऊपर हुए केस को वापस लिया जाए। शाहीन बाग में बैठी एक वृद्ध महिला ने तो यहां तक कहा कि जब सरकार सीएए वापस लेगी तो रोड खाली होगा अन्यथा नहीं। एक दूसरी महिला ने कहा कि अगर आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और एल्युमिनियम शीट चाहिए। साधना रामचंद्रन से यह भी कहा गया कि जिन लोगों ने शाहीन बाग के खिलाफ बोला है उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि स्मृति ईरानी ने कहा था कि ‘शाहीन बाग की महिलाएं बातचीत के लायक नहीं हैं।’ वह उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे। शुक्रवार को बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारियों ने वातार्कारों से सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा का आश्वासन मांग लिया। वातार्कारों ने मौके पर मौजूद शाहीन बाग एसएचओ विजय पाल से पूछा कि यदि एक ओर का रास्ता चालू हो जाए तो कोई दिक्कत तो नहीं? पुलिस ने सुरक्षा का भरोसा दिया तो प्रदर्शनकारियों ने लिखित आश्वासन मांगा।