उच्च शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से 100 से अधिक एक्सटेंशन लेक्चरर हुए प्रभावित
Chandigarh News (आज समाज) चंडीगढ़: हरियाणा में कई एक्सटेंशन लेक्चरर की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। यह कार्रवाई उच्च शिक्षा विभाग ने की। जिन एक्सटेंशन लेक्चरर की सेवाएं समाप्त की गई है। उन सभी ने राजस्थान के ओपीजेएस यूनिवर्सिटी (चूरू), सनराइज यूनिवर्सिटी (अलवर) और सिंघानिया यूनिवर्सिटी (झुंझुनू) से पीएचडी की डिग्री है। इन विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अगले 5 सालों के लिए पीएचडी छात्रों के नामांकन से प्रतिबंधित कर दिया था। यह सभी एक्सटेंशन लेक्चरर विभिन्न सरकारी कॉलेजों में कार्यरत थे।

इन एक्सटेंशन लेक्चरर को 57 हजार 700 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा था। वहीं उच्च शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई को लेकर विरोध शुरू हो गया है। कुछ एक्सटेंशन लेक्चरर पंचकूला विभागीय मुख्यालय में अपना विरोध प्रकट भी कर चुके हैं। कहा जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से 100 से अधिक एक्सटेंशन लेक्चरर प्रभावित हुए हैं।

292 एक्सटेंशन लेक्चरर को जारी किया गया था नोटिस

पिछले महीने, उच्च शिक्षा विभाग ने राजस्थान विश्वविद्यालयों से पीएचडी करने वाले 292 एक्सटेंशन लेक्चरर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे पूछा गया था कि उनकी सेवाएं क्यों न समाप्त कर दी जाएं। यह हाल ही में राजस्थान के तीन विश्वविद्यालयों से इन लेक्चरर द्वारा प्राप्त पीएचडी डिग्री से संबंधित एक मामले में अंतरिम हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुआ। विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि राजस्थान के तीन निजी विश्वविद्यालयों से प्राप्त डिग्रियां यूजीसी के नियमों के अंतर्गत हैं या नहीं, इसकी सख्ती से जांच की जाए।

विरोध दर्ज कराने के पंचकूला पहुंचे एक्सटेंशन लेक्चरर

एक्सटेंशन लेक्चरर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने कहा कि प्रभावित लेक्चरर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पंचकूला में पहुंचे हैं। ईश्वर सिंह ने बताया कि राज्यभर के सरकारी कॉलेजों में कई नियमित संकाय सदस्यों को राजस्थान के उन्हीं तीन विश्वविद्यालयों से प्राप्त पीएचडी डिग्री के आधार पर नियुक्त किया गया है, लेकिन डीएचई ने केवल एक्सटेंशन लेक्चरर के खिलाफ ही कार्रवाई की है।

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