नई दिल्ली। फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद शेयर बाजार सदमे में आ गया है। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को दिनभर के कारोबार के बाद को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 462.80 अंकों की गिरावट के बाद 37018.32 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी 138 अंकों की गिरावट के बाद 10980 के स्तर पर बंद हुआ। दिग्गज शेयरों की बात करें, तो दिनभर के कारोबार के बाद वेदांता, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारतीय स्टेट बैंक और टाटा मोटर्स के शेयर लाल निशान पर बंद हुए।
वहीं बढ़त वाले दिग्गज शेयरों की बात करें तो इनमें विप्रो, मारुति सुजुकी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, पावर ग्रिड कॉर्प और भारती इंफ्राटोल के शेयर शामिल हैं। दरअसल अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने साल 2008 की मंदी के बाद पहली बार ब्याज दरें घटाई हैं। रिजर्व ने बेंचमार्क दरों में करीब चौथाई फीसदी की कटौती की है। इस घोषणा से अमेरिकी बाजार में भारी गिरावट आई। इससे भारतीय शेयर बाजार भी सदमे में आ गया है। फेडरल ने एक बयान में कहा कि आर्थिक दृष्टिकोण के साथ-साथ मौन मुद्रास्फीति के दबावों के लिए वैश्विक विकास को देखते हुए दरों में कटौती करने का फैसला किया गया है। फेड रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई कटौती के चलते गुरुवार को शेयर बाजार में खुलते ही भारी गिरावट आई। दोपहर 3:05 बजे सेंसेक्स 618.86 अंक यानी 1.65 फीसदी की गिरावट के साथ 36862.26 के स्तर पर पहुंच गया था। वहीं निफ्टी की बात करें, तो 154.60 अंक यानी 1.68 फीसदी की गिरावट के बाद निफ्टी 10930.80 के स्तर पर पहुंच गया था। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 212.12 अंकों की गिरावट के साथ 37269 के स्तर पर खुला था। वहीं निफ्टी की बात करें, तो 63.40 अंकों की गिरावट के बाद निफ्टी 11054.60 के स्तर पर खुला था। बुधवार को दिनभर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 83.88 अंकों की बढ़त के बाद 37481.12 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 28.40 अंकों की बढ़त के बाद 11113.80 के स्तर पर बंद हुआ था।
2008 के बाद पहली बार लिया ब्याज दरों में बड़ी कटौती का फैसला
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में भारी कटौती की। वैश्विक अर्थव्यवस्था और मौन मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए दर में बड़ी कटौती की गई है। यह कटौती पिछले एक दशक में सबसे अधिक है। फेडरल ने कर्ज लेने की लागत को जरुरत पड़ने पर और कम करने के संकेत दिए हैं। बैठक से पहले वित्तीय बाजारों में पहले से ही उम्मीद की जा रही थी कि दर में बड़ी कटौती की जाएगी, अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने रातों रात कर्ज दर को 2.00 फीसदी से 2.25 फीसदी तक कम कर दिया था। दो दिवसीय नीतिगत बैठक के संपन्न होने पर फेडरल ने बयान में कहा कि आर्थिक दृष्टिकोण के साथ-साथ मौन मुद्रास्फीति के दबावों के लिए वैश्विक विकास को देखते हुए दरों में कटौती करने का फैसला किया गया है। फेडरल ने यह भी कहा कि इसकी मॉनिटरिंग जारी रहेगी। देखा जाएगा कि यह अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहा है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था का विस्तार बनाए रखने को यह कितना उपयुक्त होगा।
यूएस फेडरल बैंक द्वारा रेट कट के बाद कच्चे तेल का भाव गिरा
नई दिल्ली। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के फैसले के बाद कच्चे तेल के दाम में गिरावट आई है। अंतरराष्टÑीय वायदा बाजार में कच्चे तेल के भाव में गुरुवार को एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। अंतरराष्टÑीय बाजार से मिले कमजोर संकेतों से घरेलू वायदा बाजार पर भी कच्चे तेल का भाव 4,000 रुपए प्रति बैरल के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे आ गया। कच्चे तेल के दाम में नरमी आने से एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि की संभावनाओं पर ब्रेक लग गया है। कमोडिटी बाजार विश्लेषकों के अनुसार, फेड के फैसले से निवेशकों का मनोबल टूटा है और अमेरिका-चीन व्यापारिक वार्ता बेनतीजा रहने से कच्चे तेल की मांग में सुस्ती रहने की संभावना बनी हुई है।
सुबह 11.23 बजे मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के अगस्त अनुबंध में 33 रुपए यानी 0.82 फीसदी की कमजोरी के साथ 3,999 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि इससे पहले भाव 3,997 रुपए प्रति बैरल तक गिरा।
अक्टूबर अनुबंध में ब्रेंट क्रूड 11 फीसदी टूटा
इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड के अक्टूबर अनुबंध में गुरुवार को 1.11 फीसदी की गिरावट के साथ 64.33 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई 1.33 फीसदी की गिरावट के साथ 57.88 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था।
फेड चेयरमैन के बयान से निवेशकों का मनोबल टूटा
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (इनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा कि जैसी उम्मीद की जा रही थी, उसी अनुरूप फेड ने बुधवार को ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की। मगर, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आगे ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं से इनकार किया है जिससे निवेशकों का मनोबल टूटा है।
कच्चे तेल के दाम में नरमी का रुख बरकरार
उन्होंने कहा कि इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव दूर करने की दिशा में बुधवार को दोनों देशों के वार्ताकारों के बीच हुई बातचीत से भी कोई ठोस नतीजा निकल कर नहीं आया। इसलिए अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार घटने के बावजूद तेल के दाम में नरमी का रुख बना हुआ है। अमेरिकी एजेंसी एनर्जी इन्फोरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार पिछले सप्ताह तकरीबन 85 लाख बैरल घट गया।
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