दिनेश मौदगिल, लुधियाना:
किसी विचार पर विचार करना, शब्दों का धागा बनाना और फिर इसको कागज पर लिखना , वह सब कुछ है जो कि आज की महामारी के दौरान किसी को कहीं भी और किसी भी समय दुनिया के साथ जोड़ सकता है। यह शब्द डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा ने कॉलेज में आयोजित समारोह के दौरान कहे। गुजरांवाला खालसा एजुकेशन काउंसिल लुधियाना के अधीन अंग्रेजी के पोस्ट ग्रेजुएट विभाग ने सुखमणि बराड़, प्रतिभा शर्मा, वरुनी अरोड़ा, सहिजल शर्मा और ओशीन संघा नौजवान प्रतिभा द्वारा लिखी गई पुस्तकों लॉस्ट इन द नाइट स्काई, समर एनीगमा, यूअर सोलमेट इज यू और जस्ट कीप गोइंग के लिए युवा लेखकों को सम्मानित किया। समारोह की शुरुआत सुष्मींद्रजीत कौर द्वारा मौके का उद्देश्य बताकर की गई। गुजरांवाला खालसा एजुकेशन काउंसिल के प्रधान डॉ. एसपी सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वह खुशी महसूस करते हैं कि युवा पीढ़ी तकनीकी सुविधाओं के साथ-साथ रचनात्मक साहित्य सृजन में निपुण है। डॉक्टर हरिगुणजोत कौर ने कहा कि आज की युवा अपने रचनाओं से यह सिद्ध कर सकती हैं कि वह परिपक्ख सोच रखते हैं और दुनिया को अपने नजरिए से देखने हैं। प्रो. तेजिंदर कौर रामगढ़िया कॉलेज ने कहा कि इन बच्चों ने यह सिद्ध कर दिया है कि किसी भी तरह की महामारी व्यक्ति के सोचने और समझने की शक्ति ऊपर बंदिश नहीं लगा सकती, यह इन नौजवानों की पुस्तकों से जाना जा सकता है। उनकी रचनात्मक समर्था उनके पेरेंट्स, अध्यापकों, बहन- भाई और दोस्तों को गर्व महसूस कराती है। पंजाबी साहित्य अकादमी लुधियाना के पूर्व प्रधान प्रोफेसर गुरभजन गिल ने परिवार, घर और समाज में बेटियों के योगदान और महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बेटियां हमेशा माता-पिता का नाम रोशन करती हैं प्रिंसिपल डॉक्टर अरविंदर सिंह भल्ला ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इन किताबों की लेखिकाए हमारे कॉलेज में अपनी रचनात्मकता की खुशबू और रोशनी फैलाने आई हैं। उन्होंने खासतौर पर डिप्टी कमिश्नर वरिंदर कुमार शर्मा और आए हुए लेखक और उनके पारिवारिक सदस्यों का धन्यवाद किया।
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