खुदगर्जी: निजी फायदों के चलते लिए जा रहे फैसले

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 बरनाला (अखिलेश बंसल) बरनाला-संगरूर मार्ग पर स्थित पेप्सू रोडवेज ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (पीआरटीसी) वर्कशॉप की पुरानी जगह की वर्षों बाद किस्मत खुलेगी, लेकिन इसकी चाबी उन लोगों के पास थमा रखी है जो खुदगर्ज व निजी हितों को प्रमुखता देने वाले हैं। जिसके चलते नप के कुछेक सदस्य इस जगह पर अधिक जरूरतमंद प्रोजेक्ट (फायर ब्रिगेड कार्यालय) की स्थापना करने की जगह बिना जरूरतमंद योजना (बैडमिंटन मैदान) को लाने की कोशिश में हैं। हालांकि यह प्रस्ताव अभी अधर में है। लेकिन नप अध्यक्ष का कहना हैं कि पीआरटीसी की जगह पर बैडमिंटन खेल का मैदान ही बनेगा। हैरानी इस बात की है कि नप के उपाध्यक्ष ने इस बारे में किसी किस्म की जानकारी होने से इनकार कर दिया है।
इसलिए है जरूरी फायरब्रिगेड की
बठिंडा की तरह बरनाला शहर भी दो हिस्सों में बंटा हुआ है, दोनों के बीच में रेलवे लाइन पड़ती है। लेकिन रेलवे लाइन के नीचे बने अंडर ब्रिज से शहर के अंदर निर्माणित फायर ब्रिगेड की गाड़ियों का निकलना बंद है। जिसके चलते पीआरटीसी वर्कशॉप की जगह पर फायर ब्रिगेड कार्यालय का निर्माण अति जरूरी हो गया है। इस कार्यालय का यहां निर्माण होने से दूर तक किसी जगह पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियों   पहुंच सकेंगी। पिछले समय की बात करें तो जैसे ही संगरूर दिशा से किसी जगह आग लगने की सूचना फायर ब्रिगेड तक पहुंचती थी, घटनास्थल तक पहुंचते पहुंचते काफी नुकसान हो चुका होता था। उसकी जगह ट्राइडेंट जैसे उद्योग केंद्र ही सहायता के लिए आगे बढ़ते रहे हैं।

बैडमिंटन हाल पर रईसजादों का कब्जा
बरनाला नगर परिषद कार्यालय के समक्ष बरनाला कल्ब है, जिसका पुराना नाम बरनाला स्पोर्टस क्लब था, जिसके अंदर शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाला के नाम पर बैडमिंटन हाल बनाया गया था। जहां सरकारी शिक्षण संस्थानोंं द्वारा बैडमिंटन खेल की प्रेक्टिस के लिए खिलाड़ियों
का प्रवेश नि:शुल्क था। यहां स्कूली खेलें भी होती रही हैं। लेकिन समय के चलते वहां रईसजादों का कब्जा हो गया और जैसे ही स्पोर्टस का नाम डिलीट किया उसके साथ ही परिसर के अंदर शराब व क्वाब का दौर भी शुरू हो गया, यह जानते हुए भी कि उसके बिल्कुल साथ लड़कियों का कॉलेज भी है। आलम यह है कि इस क्लब की एंट्री पाने की वार्षिक फीस हर एक के बस की बात नहीं। उल्लेखनीय है कि बरनाला स्पोर्ट्स क्लब से बरनाला क्लब बने और रईसजादों की जागीर बनी इस इमारत के खिलाफ सूचना अधिकार आयोग के पास लंबे समय से शिकायतें पहुंच चुकी हैं।

कहीं भी बनाया जा सकता है मैदान
शहर में ऐसे कई शिक्षण संस्थान हैं जहां आसानी से ओपन या इनडोर बैडमिंटन खेल मैदान बनाया जा सकता है। नगर परिषद के अधीन पड़ते रेलवे स्टेशन-कचहरी मार्ग पर स्थित सीवरेज कार्यालय परिसर में काफी स्पेस है, जहां जरूरत से ज्यादा बड़ा बैडमिंटन हाल बनाया जा सकता है। इसके अलावा नगर सुधार ट्रस्ट के अधीन पड़ते मुख्य बस स्टैंड परिसर में वीरान पड़े साइकिल स्टैंड की जमीं पर ओपन एयर बैडमिंटन खेल मैदान बन सकता है। सरकारी कालेज, सरकारी स्कूल (लडके और लड़कियां) के साथ साथ कई निजी स्कूल हैं जहां इन्डोर और ओपन बैडमिंटन हाल बन सकते हैं। इन जगह पर बैडमिंटन जैसे खेल के मैदान बनाने में खर्च भी कम होगा। इसके अलावा बरनाला में पहले से निर्माणित बैडमिंटन हाल (बरनाला स्पोर्ट्स क्लब) को पूरी तरह से शहरवासियों के सुपुर्द कर देना होगा। इससे बड़ी समस्या का हल हो सकेगा।

नप सदस्यों में नहीं तालमेल
नप अध्यक्ष गुरजीत सिंह रामनवासिया कहते हैं कि पीआरटीसी वर्कशॉप की जगह पर बैडमिंटन हाल बनना पास हो गया है और फायर ब्रिगेड के लिए जगह आस्था एन्क्लेव से मिलेगी। जबकि नप के उपाध्यक्ष नरिंदर गर्ग का कहना है कि प्रस्ताव अभी पेंडिंग है, यदि प्रधान रामनवासिया कहत हैं कि पीआरटीसी वर्कशॉप की जगह पर खेल का मैदान बनेगा तो उन्हें इसकी जानकारी नहीं।