नई दिल्ली। भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने बताया कि 2013 में आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग में नाम आने की वजह से किस तरह उस समय अधिकांश खिलाड़ियों ने मुझसे दूरी बना ली थी। केवल दो खिलाड़ी- वीरेंद्र सहवाग और वीवीएस लक्ष्मण थे, जो उस मुश्किल वक्त में मेरे साथ खड़े थे। श्रीसंत ने अपना अंतिम मैच 2011 में लिए खेला था। इसके बाद बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। अगस्त 2019 में इस सजा को सात साल की कर दिया गया। इस सजा के मुताबिक, श्रीसंत अब सितंबर 2020 में वह क्रिकेट खेलने के लिए उपलब्ध होंगे।
श्रीसंत ने एक बातचीत में कहा, आज मैं बहुत से क्रिकेटरों से बात करता हूं। मेरी सचिन पाजी से बात होती है, वीरू पाजी और गौतम गंभीर से ट्विटर पर बात होती है। गंभीर से तो मैं हाल ही में मिला भी। सार्वजनिक रूप से अधिकांश खिलाड़ी मुझे अनदेखा करते थे। केवल वीरू भाई और लक्ष्मण भाई और तीन-चार और खिलाड़ी थे, जिनके संपर्क में मैं था। मैं भी उनकी स्थिति को समझता था, इसलिए उनसे मिलने का कोई प्रयास नहीं करता था। क्योंकि अदालती कार्रवाई मेरे खिलाफ चल रही थी।
श्रीसंत ने बताया, बहुत पुरानी बात नहीं है जब एयरपोर्ट पर मेरी मुलाकात हरभजन पाजी से हुई थी। मैंने उनसे कहा था कि जब मैं क्रिकेट खेलना शुरू करूंगा तो भज्जी स्पोर्ट्स का बल्ला इस्तेमाल करूंगा। 37 साल के श्रीसंत बहुत बातूनी रहे हैं और अपनी भावनाओं का इजहार करते रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि एक दिन आएगा, जब मैं भारत के लिए दोबारा खेलना शुरू करूंगा। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप मुझे उत्साहित करती है। मेरा लक्ष्य उसमें खेलना है। मेरा पहला लक्ष्य केरल की टीम में आना है। मुझे उम्मीद है कि वहां कुछ प्रभाव डाल सकूंगा। मैं भारतीय टीम में आने का हर संभव प्रयास करूंगा।