Aaj Samaj (आज समाज), Seema Haidar Case, नई दिल्ली: पाकिस्तान से अपने प्यार की खातिर भारत आई सीमा हैदर पर शक बढ़ता जा रहा है और उस पर फिर गिरफ्तारी की तलवार लटकी नजर आ रही है। सीमा के पास जो सामान मिला है यही उसकी दोबारा गिरफ्तारी का करण बन सकता है। उत्तर प्रदेश एटीएस ने 18 जुलाई को लगातार दूसरे दिन सीमा और सचिन से गहन पूछताछ की और इस दौरान कई ऐसे तथ्य सामने आए, जिससे उसके ऊपर जासूसी का शक बढ़ा है। एटीएस सूत्रों के अनुसार अगले दो-तीन दिन में सीमा को गिरफ्तार किया जा सकता है।
- एटीएस की पूछताछ में बढ़ी जासूसी की आशंका
- अलग-अलग नाम से मिले हैं पासपोर्ट, टूटा फोन भी
- चार मोबाइल चालू हालत में और एक टूटा मिला
बता दें कि सीमा के पास से अलग-अलग नाम के दो पासपोर्ट व अलग-अलग डेट आफ बर्थ वाले दस्तावेज के अलावा 4 मोबाइल फोन चालू हालत में मिले और एक टूटा फोन मिला है। सचिन के पास भी एक टूटा फोन मिला है। एटीएस ने पाकिस्तान से आठ मई को 70 हजार रुपए में खरीदे गए मोबाइल का बिल सीमा से बरामद किया है। छानबीन में यह भी सामने आया है कि सीमा ने अपनी पाकिस्तान की सिम भी तोड़ कर फेंक दी थी और इस फोन और सिम का डेटा भी डिलीट कर दिया है। डेटा रिकवर किया जा रहा है।
शारजाह और काठमांडू में भी सिम खरीदे
इसके अलावा भारत आने के रास्ते में उसने शारजाह और काठमांडू में भी सिम खरीदे। सीमा के पास खुद का एक्टिव फोन था, लेकिन वह पाकिस्तान से सचिन को कॉल किसी अनजान व्यक्ति के हॉटस्पॉट से करती थी। एटीएस सूत्रों ने बताया है कि सीमा के बैकग्राउंड को लेकर भारतीय इंटेलिजेंस ब्यूरो से रेड फ्लैग मिला था। आईबी को ये रेड फ्लैग भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से मिला है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक, सीमा हैदर से सोमवार को एटीएस ने अंग्रेजी की कुछ लाइन पढ़वाई थीं। सीमा ने न केवल उन्हें अच्छे से पढ़ा, बल्कि उसका पढ़ने का तरीका भी अच्छा था। सीमा ने खुद ही दावा किया था कि वह केवल पांचवीं तक पढ़ी है। इसके बावजूद उसका अंग्रेजी पढ़ पाना शक पैदा करता है।
मोबाइल से डेटा डिलीट करने पर गहराया शक
छानबीन में सामने आया है कि सीमा का भाई और चाचा पाकिस्तानी आर्मी में हैं। आईबी से मिले इनपुट के आधार पर ही यूपी एटीएस हरकत में आई और उसने सीमा-सचिन से पूछताछ शुरू की। सीमा पर सबसे बड़ा शक ये है कि कहीं वह पाकिस्तान की जासूस तो नहीं है, जो प्यार-मोहब्बत के बहाने भारत में अंडर कवर एजेंट के तौर पर काम करने आई है। एटीएस का फोकस इसी की जांच पर है। पाकिस्तानी नंबर वाले फोन से डेटा डिलीट करने और अलग-अलग डॉक्यूमेंट में डेट आॅफ बर्थ अलग होने से ये शक और बढ़ रहा है।
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