पहलगाम हमले के बाद भीड़भाड़ वाले इलाकों में चप्पे-चप्पे में तैनात की गई फोर्स
Delhi News (आज समाज), नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से जहां एक तरफ पूरा देश सत्बध है वहीं राजधानी दिल्ली में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए मजबूती से कदम उठाए जा रहे हैं। ज्ञात रहे कि मंगलवार को पहलगाम में एक पर्यटक स्थल पर निहत्थे पर्यटकों पर उस समय आतंकवादियों ने हमला कर दिया जब वे अपनी छुट्टियां मना रहे थे। आतंकवादियों ने चुन-चुनकर लोगों को मौत के घाट उतारा।
महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाए गए मेटल डिटेक्टर
इस आतंकी हमले के बाद राजधानी दिल्ली में सख्ती बढ़ा दी गई है। दिल्ली में लाल किला व चांदनी चौक में मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। वहीं, पहलगाम हुए आतंकी हमले के बाद दिल्ली में पुलिस अधिकारी अलर्ट में आ गए हैं। पुलिस अधिकारी चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर बनाए रखे हुए हैं।
25 साल पहले अमरनाथ हमले की याद दिलाई
इसके पहले दो अगस्त, 2000 को आतंकियों ने पहलगाम में ही अमरनाथ श्रद्धालुओं पर हमला किया था, जिसमें 32 लोग मारे गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बैसरन में कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई राज्यों से पर्यटक पहुंचे थे।
पहलगाम नरसंहार अमानवीय कृत्य: मौलाना महमूद मदनी
जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है तथा इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। मौलाना मदनी ने कहा कि 26 निर्दोष पर्यटकों की नृशंस हत्या एक अमानवीय कृत्य है जिसे किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता। जो लोग इसे इस्लाम से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वह इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं से अनभिज्ञ हैं। इस्लाम में, किसी निर्दोष व्यक्ति की अकारण हत्या को समस्त मानवता की हत्या बताया गया है।
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