नई दिल्ली। भारत और चीन दोनों देशों के बीच लद्दाख सीमा पर सैनिकों के लिए बीच तनाव हो गया था। चीन ने अपनी सीमा पर सैनिकोंका जमावड़ा करना शुरू कर दिया था। जिसकेबाद भारत की ओर से भी सैनिकों को अपनी सीमा पर तैनात किया गया था। लद्दाख में चीन के साथ हुआ सीमा विवाद जिससे संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों ने सरकार को दी। इस रिपोर्ट में पूर्वी लद्दाख मेंचीनी सैनिकों द्वारा की जा रही ंगतिविधियों का पूरा ब्यौरा दिया। सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को इसकी जानकारी दी और कहा कि रिपोर्ट में दौलत बेग ओल्डी और पोंगोंग सेक्टर में चीनी सैनिकों द्वारा किए गए निर्माण कार्य का जिक्र किया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि किस प्रकार चीनी सैनिक भारतीय सीमा के अंदर घुसना चाहते थे और भारतीय सैनिकों ने उन्हें रुकने को म जबूर किया। सरकार को इस बात से भी अवगत कराया गया है कि किस प्रकार चीन की ओर से इस इलाके में चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य किया गया। मई को पहले सप्ताह से चीन ने एलएसी से सटे पूर्वी लद्दाख इलाके में पांच हजार से भी अधिक चीनी सैनिकों की तैनाती की है। इसके बाद भारत ने भी भारी संख्या में अपने फौज की तैनाती सीमा पर कर दी है। गौरतलब है कि भारत-चीन को छह जून को होने वाली लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बैठक से स्थिति सामान्य होने क उम्मीद है। लेकिन इन सबके बीच भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि भारत शांति चाहता है। भारत सदैव शांति का पक्षधर रहा लेकिन अपनी सीमाओं के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों के बीच वार्ता मंगलवार को बेनतीजा रही। सूत्रों के मुताबिक अगली बैठक छह जून को होगी। सूत्रों ने बताया कि मेजर जनरल रैंक अफसरों के बीच डिवीजन कमांडर स्तरीय वार्ता मंगलवार दोपहर को हुई लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका।