नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी को सहारा समूह के निवेशकों से धन वापसी के 20 हजार से कम दावे मिले हैं। इसमें से दो तिहाई दावेदारों को कुल 106.10 करोड़ रुपये वापसी किए गए हैं। यह सहारा समूह के तीन करोड़ निवेशकों से जुटाई गई 24,000 करोड़ रुपये की राशि की वसूली का एक फीसदी भी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में छह साल पहले निवेशकों को रकम लौटाने की यह कार्रवाई शुरू हुई थी। सहारा समूह की दो कंपनियों के 13,543 बांडधारकों ने धन वापसी के दावे पेश किए है। इन्हें सेबी ने 56.86 करोड़ रुपये मूलधन और 49.24 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर भुगतान किया है। सेबी ने कहा कि उसने सहारा समूह से 15,438 करोड़ रुपये वसूले हैं। कोर्ट के आदेशानुसार 31 मार्च तक बैंकों में 20,173 करोड़ रुपये जमा कराए जाने थे। सेबी के पास कुल 17.3 करोड़ रुपये के दावे के 4,000 से अधिक मामले और लंबित हैं। इसी तरह 71.6 लाख रुपये के 254 मामले सहारा के पास और 3.84 करोड़ रुपये से अधिक के 1,000 मामले निवेशकों की तरफ लंबित हैं। सेबी ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन और सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कारपोरेशन को 2011 में निवेशकों से जुटाया धन लौटाने का आदेश दिया था। सहारा समूह सहारा समूह के वकील गौतम अवस्थी ने कहा कि इतने कम दावों का आना पुष्टि करता है कि वह 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को पहले ही सीधे धनवापसी कर चुका है। सेबी के पास जो पैसा जमा है वह एक तरह से दोहरा भुगतान है। सेबी के पास निष्क्रिय पड़ी उसकी पूंजी उसे लौटाई जानी चाहिए ताकि वह उसका उपयोग अपने कारोबार के विस्तार और नए रोजगार के सृजन में कर सके।
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