SD PG College Panipat में जैव विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह के चौथे दिन पौधारोपण ड्राइव का आयोजन

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SD PG College Panipat
पौधारोपण करते डॉ अनुपम अरोड़ा, डॉ प्रियंका चांदना, वरिष्ठ अधिवक्ता रघुबीर सिंह एवं विद्यार्थी
  • विद्यार्थियों ने कॉलेज के खेल के मैदान और पार्कों में लगाए पेड़ और पौधे
  • पेड़-पौधे पर्यावरण को तो मजबूत करते ही है, ये हमारी धार्मिक आस्थाओं को भी जीवित रखते है : रघुबीर सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता
Aaj Samaj (आज समाज),SD PG College Panipat, पानीपत : एसडी पीजी कॉलेज पानीपत में 2 से 8 अक्टूबर तक मनाये जाने वाले राष्ट्रीय वन्य जीव सप्ताह के चौथे दिन लगभग 50 एनएसएस स्वयंसेवकों और विज्ञान संकाय के 100 छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के खेल के मैदान और पार्कों में विभिन्न प्रकार के छायादार एवं फलदार पेड़ और पौधे लगाए और पर्यावरण में वनस्पति के महत्त्व पर प्रकाश डाला। वृक्षारोपण ड्राइव के मुख्य अथिति कॉलेज के ही 1982 बैच के पूर्व छात्र और वर्तमान में जिला न्यायालय पानीपत के वरिष्ठ अधिवक्ता रघुबीर सिंह रहे, जिन्होनें अपने हाथ से पौधा भी लगाया।

पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर किया जा रहा है जागरूक

अधिवक्ता रघुबीर सिंह का स्वागत प्राचार्य डॉ अनुपम अरोड़ा, डॉ प्रियंका चांदना, डॉ रवि कुमार, डॉ राहुल जैन, प्रो प्रवीन कुमारी, डॉ एसके वर्मा, प्रो रिया, प्रो ऋतु, प्रो नम्रता, दीपक मित्तल और चिराग सिंगला ने किया। माली नगीना, राम भरोसे, हरी प्रसाद और लैब-सहायक प्रवीन एवं मोहित ने भी पौधों को लगाने में विद्यार्थियों की सहायता की। विदित रहे कि राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह के माध्यम से कॉलेज के छात्र-छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जा रहा है। वन्यजीव सप्ताह के अंतिम दिन स्नेकमैन ऑफ़ हरियाणा छात्र-छात्राओं के मध्य पधारेंगे।

पेड़-पौधे धार्मिक रूप से भी हमारी मदद करते है

रघुबीर सिंह ने कहा कि पेड़-पौधे लगाने के दो फायदे होते हैं. पहला तो यह कि इन्हें लगाने से हम अपने पर्यावरण को मजबूती प्रदान करते हैं। दूसरा पेड़-पौधे धार्मिक रूप से भी हमारी मदद करते है। तुलसी, आम, बरगद, बांस, जामुन, नारियल, केला इत्यादि कितने ही पेड़ ऐसे है जो हमारी धार्मिक आस्थाओं और मान्यताओं का हिस्सा है और जिनके बिना हमारी पूजा और हवन अधूरे है। वृक्ष लगाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि ये कार्बन डाइऑक्साइड और श्वास ऑक्सीजन का आदान-प्रदान करते हैं। पेड़ न केवल कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं बल्कि वातावरण से कई अन्य हानिकारक गैसों को भी अवशोषित करते हैं जिससे वातावरण को ताजगी मिलती है। इन दिनों वाहनों और औद्योगिक फैक्ट्रियों से बहुत ज्यादा प्रदूषण निकल रहा है। अधिक से अधिक पेड़ लगाने से प्रदूषित हवा से छुटकारा पाने में हमें बहुत मदद मिलती है। पेड़ पर्यावरण को शांत भी रखते हैं और ये गर्मी के असर को कम करने में मदद करते हैं। यह जानकार सभी को हैरानी होगी कि पेड़ अपने आस-पास के स्थानों में 50 प्रतिशत तक एयर कंडीशनर की आवश्यकता को कम करने की क्षमता रखते है।

जल प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

डॉ अनुपम अरोड़ा ने कहा कि पेड़ों पर पक्षी घोंसलों का निर्माण करते हैं जिससे उन्हें आश्रय मिलता है। वृक्ष मकड़ी, बंदरों, अजगर, कंगारू और कितने ही अन्य जानवरों का घर होते हैं। इनसे हमें फल भी मिलते है जो पक्षियों, जानवरों और मनुष्यों के लिए एक वरदान है। वृक्ष वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हानिकारक गैसों को न केवल अवशोषित करते हैं, बल्कि जल प्रदूषण को भी नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, पर्यावरण संरक्षण में वृक्षों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। हर विद्यार्थी को चाहिए कि वह नियमित रूप से वृक्षारोपण करें और अपने आस-पास के पेड़-पौधों का ख़याल रखे।

सनातन हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है

डॉ प्रियंका चांदना ने कहा कि सनातन हिंदू धर्म में पेड़-पौधों का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है। शास्त्रों में ऐसे कई पेड़-पौधों के बारे में बताया गया है, जो अत्यंत पूजनीय और शुभ माने जाते हैं और जिनकी पूजा हिंदू धर्म में की जाती है। ऐसी मान्यताएं है कि ये पेड़-पौधे देवताओं को अत्यंत प्रिय होते हैं और इनमें उनका निवास होता है. वहीं कुछ पेड़-पौधों को लगाने से पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. भविष्य पुराण के अनुसार वृक्षारोपण को संतानोत्पत्ति के समान माना गया है। शास्त्रों में कुछ ऐसे भी पेड़-पौधों का वर्णन किया गया है जिन्हें अपने जीवनकाल में लगाने से व्यक्ति को मुक्ति प्राप्त हो जाती है। पेड़ लगाना वाकई में एक दैवीय कार्य है।