वृश्चिक राशिफल 6 सितंबर 2022

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Scorpio Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:-06/09/2022, मंगलवार
एकादशी, शुक्ल पक्ष,
भाद्रपद
“””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृश्चिक
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

तिथि——– एकादशी 27:04:06 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———पूर्वाषाढा 18:08:21
योग——— आयुष्मान 08:13:40
योग———- सौभाग्य 28:47:52
करण———– वणिज 16:30:40
करण——- विष्टि भद्र 27:04:06
वार———————– मंगलवार
माह———————– भाद्रपद
चन्द्र राशि——— धनु 23:37:01
चन्द्र राशि——————- मकर
सूर्य राशि——————— सिंह
ऋतु————————– वर्षा
सायन———————– शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:01:24
सूर्यास्त—————- 18:33:20
दिन काल————- 12:31:55
रात्री काल————- 11:28:31
चंद्रोदय—————- 15:44:33
चंद्रास्त—————- 26:12:08

लग्न—- सिंह 19°15′ , 139°15′

सूर्य नक्षत्र———— पूर्वा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————- पूर्वाषाढा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

धा—- पूर्वाषाढा 07:08:27

फा—-पूर्वाषाढा 12:38:52

ढा—- पूर्वाषाढा 18:08:21

भे—- उत्तराषाढा 23:37:01

भो—-उत्तराषाढा 29:04:58

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 19:12 पू o फ़ाo , 2 टा
चन्द्र =धनु 19 °23, पू o षाo , 2 धा
बुध =कन्या 13 ° 07′ हस्त ‘ 2 ष
शुक्र=सिंह 06°05, मघा ‘ 3 मू
मंगल=वृषभ 15°30 ‘ रोहिणी’ 2 वा
गुरु=मीन 12°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=मकर 26°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 22°20’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 22°20 विशाखा , 1 ती

🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩

राहू काल 15:25 – 16:59 अशुभ
यम घंटा 09:09 – 10:43 अशुभ
गुली काल 12:17 – 13:51 अशुभ
अभिजित 11:52 – 12:42 शुभ
दूर मुहूर्त 08:32 – 09:22 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:09 – 23:59 अशुभ
वर्ज्यम 25:26* – 26:54* अशुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 06:01 – 07:35 अशुभ
उद्वेग 07:35 – 09:09 अशुभ
चर 09:09 – 10:43 शुभ
लाभ 10:43 – 12:17 शुभ
अमृत 12:17 – 13:51 शुभ
काल 13:51 – 15:25 अशुभ
शुभ 15:25 – 16:59 शुभ
रोग 16:59 – 18:33 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 18:33 – 19:59 अशुभ
लाभ 19:59 – 21:25 शुभ
उद्वेग 21:25 – 22:52 अशुभ
शुभ 22:52 – 24:18* शुभ
अमृत 24:18* – 25:44* शुभ
चर 25:44* – 27:10* शुभ
रोग 27:10* – 28:36* अशुभ
काल 28:36* – 30:02* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 06:01 – 07:04
सूर्य 07:04 – 08:07
शुक्र 08:07 – 09:09
बुध 09:09 – 10:12
चन्द्र 10:12 – 11:15
शनि 11:15 – 12:17
बृहस्पति 12:17 – 13:20
मंगल 13:20 – 14:23
सूर्य 14:23 – 15:25
शुक्र 15:25 – 16:28
बुध 16:28 – 17:31
चन्द्र 17:31 – 18:33

🚩होरा, रात
शनि 18:33 – 19:31
बृहस्पति 19:31 – 20:28
मंगल 20:28 – 21:25
सूर्य 21:25 – 22:23
शुक्र 22:23 – 23:20
बुध 23:20 – 24:18
चन्द्र 24:18* – 25:15
शनि 25:15* – 26:12
बृहस्पति 26:12* – 27:10
मंगल 27:10* – 28:07
सूर्य 28:07* – 29:04
शुक्र 29:04* – 30:02

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

सिंह > 04:36 से 05:52 तक
कन्या > 05:52 से 08:06 तक
तुला > 08:06 से 10:12 तक
वृश्चिक > 10:12 से 12:28 तक
धनु > 12:28 से 14:58 तक
मकर > 14:58 से 16:36 तक
कुम्भ > 16:36 से 18:02 तक
मीन > 18:02 से 18:38 तक
मेष > 18:38 से 20:10 तक
वृषभ > 20:10 से 22:58 तक
मिथुन > 22:58 से 01:22 तक
कर्क > 01:22 से 03:28 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

11 + 3 + 1 = 15 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

शनि ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

11 + 11 + 5 = 27 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

सांय 16:29 से रात्रि 27:04 तक

पाताल लोक = धन लाभ कारक

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* जल झूलनी एकादशी व्रत (स्मार्त)

* गोपाल भट्टाचार्य पाटोत्सव

* मेला चतर्भुज नाथ (उदयपुर)

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

नाऽऽहारं चिन्तयेत्प्राज्ञो धर्ममेकं हि चिन्तयेत् ।
आहारो हि मनुष्याणां जन्मना सह जायते ।।
।। चा o नी o।।

एक विद्वान व्यक्ति ने अपने भोजन की चिंता नहीं करनी चाहिए. उसे सिर्फ अपने धर्म को निभाने की चिंता होनी चाहिए. हर व्यक्ति का भोजन पर जन्म से ही अधिकार है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

व्यासप्रसादाच्छ्रुतवानेतद्‍गुह्यमहं परम्‌ ।,
योगं योगेश्वरात्कृष्णात्साक्षात्कथयतः स्वयम्‌॥,

श्री व्यासजी की कृपा से दिव्य दृष्टि पाकर मैंने इस परम गोपनीय योग को अर्जुन के प्रति कहते हुए स्वयं योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण से प्रत्यक्ष सुना॥,75॥,

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