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***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 31/10/2022, सोमवार
सप्तमी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
वृश्चिक
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सुकून रहेगा। जल्दबाजी में कोई आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। कानूनी अड़चन आ सकती है। विवाद न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी।
तिथि——— सप्तमी 25:11:01 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र—— उत्तराषाढा 28:14:29
योग————- धृति 16:10:54
करण————– गर 14:18:13
करण———–वणिज 25:11:01
वार———————- सोमवार
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि——— धनु 11:22:51
चन्द्र राशि——————–मकर
सूर्य राशि——————– तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत————— 2079
गुजराती संवत————- 2079
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:30:08
सूर्यास्त————— 17:35:03
दिन काल————- 11:04:54
रात्री काल————- 12:55:46
चंद्रोदय————— 12:31:18
चंद्रास्त—————- 23:01:07
लग्न—- तुला 13°25′ , 193°25′
सूर्य नक्षत्र—————— स्वाति
चन्द्र नक्षत्र————– उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया——————– ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
भे—- उत्तराषाढा 11:22:51
भो—- उत्तराषाढा 16:59:33
जा—- उत्तराषाढा 22:36:45
जी—- उत्तराषाढा 28:14:29
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 13 :29 स्वाति , 3 रो
चन्द्र =धनु 27 °23, उ o षाo, 1 भे
बुध =तुला 07 ° 34′ स्वाति ‘1 रू
शुक्र=तुला 15°05, स्वाति ‘ 3 रो
मंगल=मिथुन 01°30 ‘ मृगशिरा’ 3 का
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 19°25 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 19°25 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 07:53 – 09:16 अशुभ
यम घंटा 10:39 – 12:03 अशुभ
गुली काल 13:26 – 14: 49अशुभ
अभिजित 11:40 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 12:25 – 13:09 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:38 – 15:22 अशुभ
वर्ज्यम 13:15 – 14:45 अशुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 06:30 – 07:53 शुभ
काल 07:53 – 09:16 अशुभ
शुभ 09:16 – 10:39 शुभ
रोग 10:39 – 12:03 अशुभ
उद्वेग 12:03 – 13:26 अशुभ
चर 13:26 – 14:49 शुभ
लाभ 14:49 – 16:12 शुभ
अमृत 16:12 – 17:35 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 17:35 – 19:12 शुभ
रोग 19:12 – 20:49 अशुभ
काल 20:49 – 22:26 अशुभ
लाभ 22:26 – 24:03* शुभ
उद्वेग 24:03* – 25:40* अशुभ
शुभ 25:40* – 27:17* शुभ
अमृत 27:17* – 28:54* शुभ
चर 28:54* – 30:31* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 06:30 – 07:26
शनि 07:26 – 08:21
बृहस्पति 08:21 – 09:16
मंगल 09:16 – 10:12
सूर्य 10:12 – 11:07
शुक्र 11:07 – 12:03
बुध 12:03 – 12:58
चन्द्र 12:58 – 13:53
शनि 13:53 – 14:49
बृहस्पति 14:49 – 15:44
मंगल 15:44 – 16:40
सूर्य 16:40 – 17:35
🚩होरा, रात
शुक्र 17:35 – 18:40
बुध 18:40 – 19:44
चन्द्र 19:44 – 20:49
शनि 20:49 – 21:54
बृहस्पति 21:54 – 22:58
मंगल 22:58 – 24:03
सूर्य 24:03* – 25:08
शुक्र 25:08* – 26:12
बुध 26:12* – 27:17
चन्द्र 27:17* – 28:22
शनि 28:22* – 29:26
बृहस्पति 29:26* – 30:31
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
तुला > 04:30 से 06:43 तक
वृश्चिक > 06:43 से 09:02 तक
धनु > 09:02 से 11:32 तक
मकर > 11:32 से 13:10 तक
कुम्भ > 13:10 से 14:40 तक
मीन > 14:40 से 15:12 तक
मेष > 15:12 से 16:46 तक
वृषभ > 16:46 से 19:32 तक
कर्क > 19:32 से 00:02 तक
सिंह > 00:02 से 02:20 तक
कन्या > 02:20 से 04:22 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
7 + 2 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
बुध ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
7 + 7 + 5 = 19 ÷ 7 = 5 शेष
ज्ञानवेलायां = कष्ट कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
रात्रि 25:10 से प्रारम्भ
पाताल लोक = धन लाभ कारक
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
* सहस्रार्जुन जयंती
*सर्वार्थ सिद्धि योग रात्रि 28:14 से
* सरदार पटेल जयंती
*लाजाराम जयंती
* संकल्प दिवस
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
गते शोको न कर्तव्यो भविष्यं नैव चिन्तयेत् ।
वर्तमानेन कालेन प्रवर्त्तन्ते विचक्षणाः ।।
।। चा o नी o।।
हम उसके लिए ना पछताए जो बीत गया. हम भविष्य की चिंता भी ना करे. विवेक बुद्धि रखने वाले लोग केवल वर्तमान में जीते है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
मदनुग्रहाय परमं गुह्यमध्यात्मसञ्ज्ञितम् ।,
यत्त्वयोक्तं वचस्तेन मोहोऽयं विगतो मम ॥,
अर्जुन बोले- मुझ पर अनुग्रह करने के लिए आपने जो परम गोपनीय अध्यात्म विषयक वचन अर्थात उपदेश कहा, उससे मेरा यह अज्ञान नष्ट हो गया है॥,1॥,
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