Scorpio Horoscope 29 March 2022 वृश्चिक राशिफल 29 मार्च 2022

0
459
Scorpio Horoscope 29 March 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग  *** 
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** *** 

दिनाँक-: 29/03/2022,मंगलवार
द्वादशी, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल *** 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृश्चिक

Scorpio Horoscope 29 March 2022: आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहने वाला है, क्योंकि आप अपने कार्य क्षेत्र की ओर ध्यान लगाएंगे और अपने कुछ पिछले समय से रुकी हुई योजनाओं को लॉन्च करेंगे, जिसमें आप व्यस्त रहेंगे, लेकिन व्यस्तता के बीच आप अपने परिवार के सदस्यों के लिए समय निकालने में कामयाब रहेंगे। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल लाभ देंगे। किसी बड़े काम की रुकावट दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। यदि पिताजी को कोई रोग है, तो उनके कष्टों में वृद्धि हो सकती है, इसलिए डॉक्टरी परामर्श अवश्य ले। आपको संतान की शिक्षा से संबंधित किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है। आपको अपने किसी मित्र की मदद के लिए कुछ रुपयों का इंतजाम भी करना पड़ेगा। आपको अपने भविष्य में किए गए निवेश का लाभ मिलेगा।

 

तिथि——– द्वादशी 14:37:52 तक
पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र——- धनिष्ठा 11:27:08
योग———- साध्य 15:11:42
करण——– तैतुल 14:37:52
करण———— गर 25:55:42
वार——————- मंगलवार
माह————————- चैत्र
चन्द्र राशि ——————— कुम्भ
सूर्य राशि——————- मीन
रितु———————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर———————प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:14:33
सूर्यास्त————– 18:33:44
दिन काल ————–12:19:11
रात्री काल———– 11:39:41
चंद्रास्त————- 15:48:24
चंद्रोदय————– 29:12:38

लग्न—- मीन 14°9′ , 344°9′

सूर्य नक्षत्र——– उत्तराभाद्रपदा
चन्द्र नक्षत्र—————-धनिष्ठा
नक्षत्र पाया—————–ताम्र

*** पद, चरण ***

गे—- धनिष्ठा 11:27:08

गो—- शतभिषा 17:15:27

सा—- शतभिषा 23:04:53

सी—- शतभिषा 28:55:31

Read Also: भगवान ब्रह्मा ने स्थाणु तीर्थ में शिवलिंग की स्थापना Shivling In Sthanu Teerth

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** ***
सूर्य=मीन 14:12 ‘उ o भा o , 4 ञ
चन्द्र =कुम्भ 03°23 ‘ धनिष्ठा , 4 गे
बुध = मीन 09 ° 07’ उo भा o ‘ 2 थ
शुक्र=मकर 27°05, धनिष्ठा ‘ 2 गी
मंगल=मकर 22°30 ‘ श्रवण ‘ 4 खो
गुरु=कुम्भ 26°30 ‘ पू o भा o, 2 सो
शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°50’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°50 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 15:29 – 17:01 अशुभ
यम घंटा 09:19 – 10:52 अशुभ
गुली काल 12:24 – 13:57 अशुभ
अभिजित 11:59 -12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 08:42 – 09:32 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:14 – 24:03* अशुभ

पंचक अहोरात्र अशुभ

चोघडिया, दिन
रोग 06:15 – 07:47 अशुभ
उद्वेग 07:47 – 09:19 अशुभ
चर 09:19 – 10:52 शुभ
लाभ 10:52 – 12:24 शुभ
अमृत 12:24 – 13:57 शुभ
काल 13:57 – 15:29 अशुभ
शुभ 15:29 – 17:01 शुभ
रोग 17:01 – 18:34 अशुभ

Read Also : दुखों का भंजन करते हैं श्रीदुखभंजन Shreedukhbhanjan Breaks Sorrows

चोघडिया, रात
काल 18:34 – 20:01 अशुभ
लाभ 20:01 – 21:29 शुभ
उद्वेग 21:29 – 22:56 अशुभ
शुभ 22:56 – 24:24* शुभ
अमृत 24:24* – 25:51* शुभ
चर 25:51* – 27:19* शुभ
रोग 27:19* – 28:46* अशुभ
काल 28:46* – 30:13* अशुभ

होरा, दिन
मंगल 06:15 – 07:16
सूर्य 07:16 – 08:18
शुक्र 08:18 – 09:19
बुध 09:19 – 10:21
चन्द्र 10:21 – 11:23
शनि 11:23 – 12:24
बृहस्पति 12:24 – 13:26
मंगल 13:26 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:29
शुक्र 15:29 – 16:31
बुध 16:31 – 17:32
चन्द्र 17:32 – 18:34

होरा, रात
शनि 18:34 – 19:32
बृहस्पति 19:32 – 20:30
मंगल 20:30 – 21:29
सूर्य 21:29 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:25
बुध 23:25 – 24:24
चन्द्र 24:24* – 25:22
शनि 25:22* – 26:20
बृहस्पति 26:20* – 27:19
मंगल 27:19* – 28:17
सूर्य 28:17* – 29:15
शुक्र 29:15* – 30:13

Read Also : रोगों से मुक्ति देती है देवी माँ शीतला माता Goddess Sheetla Mata Gives Freedom From Diseases

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मीन > 05:38 से 07:08 तक
मेष > 07:08 से 09:52 तक
वृषभ > 09:52 से 11:32 तक
मिथुन > 11:32 से 12:52 तक
कर्क > 12:52 से 15:12 तक
सिंह > 15:12 से 16:17 तक
कन्या > 16:17 से 07:29 तक
तुला > 07:29 से 10:00 तक
वृश्चिक > 10:00 से 01:12 तक
धनु > 01:12 से 02:16 तक
मकर > 02:16 से 04:06 तक
कुम्भ > 04:06 से 05:38 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 12 + 3 + 1 = 31 ÷ 4 = 3 शेष
स्वर्ग लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

***  ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

राहु ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

27 + 27 + 5 = 59 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

* भौम प्रदोष व्रत (शिव पूजन)

* मेला कैलादेवी करौली

* श्री श्यामभट्टाचार्य पाटोत्सव

* श्री बालकृष्णशरण देवाचार्य 114 पाटोत्सव

*** शुभ विचार ***

यस्यार्थास्तस्य मित्राणि यस्यर्थास्तस्य बांधवाः ।
यस्याथाः स पुमांल्लोके यस्यार्थाः सच पण्डितः ।।
।।चा o नी o।।

धनवान व्यक्ति के कई मित्र होते है. उसके कई सम्बन्धी भी होते है. धनवान को ही आदमी कहा जाता है और पैसेवालों को ही पंडित कह कर नवाजा जाता है.

*** सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

सत्त्वं सुखे सञ्जयति रजः कर्मणि भारत ।,
ज्ञानमावृत्य तु तमः प्रमादे सञ्जयत्युत ॥,

हे अर्जुन! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढँककर प्रमाद में भी लगाता है॥,9॥,

***आपका दिन मंगलमय हो***
*** *** *** *** ***
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also: पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us: Twitter Facebook