वृश्चिक राशिफल 14 सितंबर 2022

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Scorpio Horoscope

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***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:-14/09/2022, बुधवार
चतुर्थी, कृष्ण पक्ष,
आश्विन
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

वृश्चिक

भूले-बिसरे साथी तथा आगंतुकों के स्वागत तथा सम्मान पर व्यय होगा। आत्मसम्मान बना रहेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। बड़ा काम करने का मन बनेगा। परिवार के सदस्यों की उन्नति के समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। पारिवारिक सहयोग बना रहेगा। किसी व्यक्ति की बातों में न आएं, लाभ होगा।

तिथि———– चतुर्थी 10:24:53 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— अश्विनी 06:56:21
योग————– ध्रुव 06:15:32
योग———- व्याघात 29:33:33
करण———– बालव 10:24:52
करण———– कौलव 22:36:39
वार———————— बुधवार
माह———————– आश्विन
चन्द्र राशि——————- मेष
सूर्य राशि——————– सिंह
ऋतु————————– वर्षा
सायन———————— शरद
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:05:01
सूर्यास्त—————- 18:24:09
दिन काल————- 12:19:08
रात्री काल————- 11:41:18
चंद्रास्त—————- 09:43:47
चंद्रोदय————— 20:59:40

लग्न—- सिंह 27°2′ , 147°2′

सूर्य नक्षत्र———- उत्तरा फाल्गुनी
चन्द्र नक्षत्र—————– अश्विनी
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

ला—- अश्विनी 06:56:21

ली—- भरणी 13:08:58

लू—- भरणी 19:24:27

ले—- भरणी 25:42:46

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=सिंह 27:12 उ o फ़ाo , 1 टे
चन्द्र =मेष 12 °23, अश्विनी, 4 ला
बुध =कन्या 13 ° 07′ हस्त ‘ 2 ष
शुक्र=सिंह 16°05, पू o फ़ा o ‘ 2 टा
मंगल=वृषभ 18°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी
गुरु=मीन 11°30 ‘ उ o भा o, 3 झ
शनि=मकर 25°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 21°50’ भरणी , 3 ले
केतु=(व) तुला 21°50 विशाखा , 1 ती

राहू काल 12:15 – 13:47 अशुभ
यम घंटा 07:37 – 09:10 अशुभ
गुली काल 10:42 – 12:15 अशुभ
अभिजित 11:50 – 12:39 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:50 – 12:39 अशुभ
वर्ज्यम 16:54 – 18:34 अशुभ

🚩गंड मूल 06:05 – 06:56 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:05 – 07:37 शुभ
अमृत 07:37 – 09:10 शुभ
काल 09:10 – 10:42 अशुभ
शुभ 10:42 – 12:15 शुभ
रोग 12:15 – 13:47 अशुभ
उद्वेग 13:47 – 15:19 अशुभ
चर 15:19 – 16:52 शुभ
लाभ 16:52 – 18:24 शुभ

🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 18:24 – 19:52 अशुभ
शुभ 19:52 – 21:19 शुभ
अमृत 21:19 – 22:47 शुभ
चर 22:47 – 24:15* शुभ
रोग 24:15* – 25:42* अशुभ
काल 25:42* – 27:10* अशुभ
लाभ 27:10* – 28:38* शुभ
उद्वेग 28:38* – 30:05* अशुभ

💮होरा, दिन
बुध 06:05 – 07:07
चन्द्र 07:07 – 08:08
शनि 08:08 – 09:10
बृहस्पति 09:10 – 10:11
मंगल 10:11 – 11:13
सूर्य 11:13 – 12:15
शुक्र 12:15 – 13:16
बुध 13:16 – 14:18
चन्द्र 14:18 – 15:19
शनि 15:19 – 16:21
बृहस्पति 16:21 – 17:23
मंगल 17:23 – 18:24

🚩होरा, रात
सूर्य 18:24 – 19:23
शुक्र 19:23 – 20:21
बुध 20:21 – 21:19
चन्द्र 21:19 – 22:18
शनि 22:18 – 23:16
बृहस्पति 23:16 – 24:15
मंगल 24:15* – 25:13
सूर्य 25:13* – 26:12
शुक्र 26:12* – 27:10
बुध 27:10* – 28:09
चन्द्र 28:09* – 29:07
शनि 29:07* – 30:05

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

सिंह > 03:14 से 05:24 तक
कन्या > 05:24 से 07:38 तक
तुला > 07:38 से 09:44 तक
वृश्चिक > 09:44 से 12:00 तक
धनु > 12:00 से 14:26 तक
मकर > 14:26 से 16:08 तक
कुम्भ > 16:08 से 17:34 तक
मीन > 17:34 से 18:10 तक
मेष > 18:10 से 19:42 तक
वृषभ > 19:42 से 22:30 तक
कर्क > 01:30 से 03:00 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 4 + 4 + 1 = 24 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

मंगल ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

19 + 19 + 5 = 43 ÷ 7 = 1 शेष

कैलाश वास = शुभ कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* पंचमी श्राद्ध

* भरणी श्राद्ध

* हिन्दी दिवस

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

अन्तर्गतमलौ दुष्टः तीर्थस्नानशतैरपि ।
न शुध्दयति यथा भाण्डं सुरदा दाहितं च यत् ।।
।। चा o नी o।।

आप चाहे सौ बार पवित्र जल में स्नान करे, आप अपने मन का मैल नहीं धो सकते. उसी प्रकार जिस प्रकार मदिरा का पात्र पवित्र नहीं हो सकता चाहे आप उसे गरम करके सारी मदिरा की भाप बना दे.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: क्षेत्र-क्षेत्रज्ञविज्ञानयोग अo-13

महाभूतान्यहङ्‍कारो बुद्धिरव्यक्तमेव च ।,
इन्द्रियाणि दशैकं च पञ्च चेन्द्रियगोचराः ॥,

पाँच महाभूत, अहंकार, बुद्धि और मूल प्रकृति भी तथा दस इन्द्रियाँ, एक मन और पाँच इन्द्रियों के विषय अर्थात शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध॥,5॥,

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