वृश्चिक दैनिक राशिफल

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वृश्चिक दैनिक राशिफल

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:- 18/08/2022, गुरुवार
सप्तमी, कृष्ण पक्ष,
भाद्रपद
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

🦂वृश्चिक
आज आपको पारिवारिक जीवन में तालमेल बनाए रखने का पूरी कोशिश करनी होगी। तीर्थदर्शन हो सकता है। सत्संग का लाभ मिलेगा। राजकीय सहयोग से कार्य पूर्ण व लाभदायक रहेंगे। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। शेयर मार्केट में जोखिम न लें। नौकरी में चैन रहेगा। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। ध्यान रखें। यदि कोई लड़ाई झगड़ा चल रहा है,तो उसमें दोनों पक्षों की सुनकर ही कोई निर्णय ले। आप अपने करीबी लोगों के साथ कुछ समय व्यतीत करेंगे। यदि आप किसी यात्रा पर जा रहे हैं,तो उसमें वाहन के अकस्मात खराबी के कारण आपका धन खर्च बढ़ सकता है। आप अपने परिजनों के घर किसी मांगलिक उत्सव में सम्मिलित हो सकते हैं। आपने यदि पहले किसी से धन उधार लिया था,तो आप उसे उतारने में काफी हद तक सफल रहेंगे।

 

तिथि———- सप्तमी 21:20:25 तक
पक्ष————————– कृष्ण
नक्षत्र———– भरणी 23:34:12
योग————– वृद्वि 20:39:39
करण——- विष्टि भद्र 08:46:26
करण————– बव 21:20:25
वार———————– गुरूवार
माह———————– भाद्रपद
चन्द्र राशि——————— मेष
सूर्य राशि——————– सिंह
रितु————————– वर्षा
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2078
शक संवत—————— 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 05:52:24
सूर्यास्त—————- 18:53:19
दिन काल————- 13:00:55
रात्री काल————- 10:59:34
चंद्रास्त—————- 11:57:12
चंद्रोदय—————- 23:03:38

लग्न—- सिंह 0°54′ , 120°54′

सूर्य नक्षत्र——————– माघ
चन्द्र नक्षत्र—————— भरणी
नक्षत्र पाया——————- स्वर्ण

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

लू—- भरणी 10:39:35

ले—- भरणी 17:05:34

लो—- भरणी 23:34:12

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कर्क 0:12 मघा , 1 मा
चन्द्र =मेष 17 °23, भरणी , 2 लू
बुध =सिंह 26 ° 07′ पू o फा o ‘ 4 टू
शुक्र=कर्क 13°05, पुष्य ‘ 4 टू
मंगल=वृषभ 04°30 ‘ कृतिका ‘ 3 उ
गुरु=मीन 13°30 ‘ उ o भा o, 4 ञ
शनि=कुम्भ 29°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व) मेष 23°20’ भरणी , 4 लो
केतु=(व) तुला 23°20 विशाखा , 2 तू

🚩💮🚩 मुहूर्त प्रकरण 🚩💮🚩

राहू काल 14:00 – 15:38 अशुभ
यम घंटा 05:52 – 07:30 अशुभ
गुली काल 09:08 – 10:45 अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:49 शुभ
दूर मुहूर्त 10:13 – 11:05 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:25 – 16:17 अशुभ
वर्ज्यम 08:06 – 09:48 अशुभ

💮चोघडिया, दिन
शुभ 05:52 – 07:30 शुभ
रोग 07:30 – 09:08 अशुभ
उद्वेग 09:08 – 10:45 अशुभ
चर 10:45 – 12:23 शुभ
लाभ 12:23 – 14:00 शुभ
अमृत 14:00 – 15:38 शुभ
काल 15:38 – 17:16 अशुभ
शुभ 17:16 – 18:53 शुभ

🚩चोघडिया, रात
अमृत 18:53 – 20:16 शुभ
चर 20:16 – 21:38 शुभ
रोग 21:38 – 23:01 अशुभ
काल 23:01 – 24:23* अशुभ
लाभ 24:23* – 25:46* शुभ
उद्वेग 25:46* – 27:08* अशुभ
शुभ 27:08* – 28:30* शुभ
अमृत 28:30* – 29:53* शुभ

💮होरा, दिन
बृहस्पति 05:52 – 06:57
मंगल 06:57 – 08:03
सूर्य 08:03 – 09:08
शुक्र 09:08 – 10:13
बुध 10:13 – 11:18
चन्द्र 11:18 – 12:23
शनि 12:23 – 13:28
बृहस्पति 13:28 – 14:33
मंगल 14:33 – 15:38
सूर्य 15:38 – 16:43
शुक्र 16:43 – 17:48
बुध 17:48 – 18:53

🚩होरा, रात
चन्द्र 18:53 – 19:48
शनि 19:48 – 20:43
बृहस्पति 20:43 – 21:38
मंगल 21:38 – 22:33
सूर्य 22:33 – 23:28
शुक्र 23:28 – 24:23
बुध 24:23* – 25:18
चन्द्र 25:18* – 26:13
शनि 26:13* – 27:08
बृहस्पति 27:08* – 28:03
मंगल 28:03* – 28:58
सूर्य 28:58* – 29:53

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

सिंह > 05:00 से 07:06 तक
कन्या > 07:06 से 09:16 तक
तुला > 09:16 से 11:30 तक
वृश्चिक > 11:30 से 13:46 तक
धनु > 13:46 से 16:16 तक
मकर > 16:16 से 17:50 तक
कुम्भ > 17:50 से 19:22 तक
मीन > 19:22 से 19:56 तक
मेष > 19:56 से 10:28 तक
वृषभ > 10:28 से 00:20 तक
मिथुन > 00:20 से 02:40 तक
कर्क > 02:43 से 05:00 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 7 + 5 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 08:52 तक समाप्त

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

*श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत ( स्मार्त ) चन्द्रोदय 23:03

* श्रीकृष्ण चरण चिन्ह दर्शन गोवर्धन शिला ,राधादामोदर वृन्दावन

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

ऋणकर्ता पिता शत्रुमाता च व्यभिचारिणी ।
भार्या रूपवती शत्रुः पुत्रः शत्रुरपण्डितः ।।
।। चा o नी o।।

अपने ही घर में व्यक्ति के ये शत्रु हो सकते है…
उसका बाप यदि वह हरदम कर्ज में डूबा रहता है.
उसकी माँ यदि वह दुसरे पुरुष से संग करती है.
सुन्दर पत्नी
वह लड़का जिसने शिक्षा प्राप्त नहीं की.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

सर्वकर्माण्यपि सदा कुर्वाणो मद्व्यपाश्रयः।,
मत्प्रसादादवाप्नोति शाश्वतं पदमव्ययम्‌॥,

मेरे परायण हुआ कर्मयोगी तो संपूर्ण कर्मों को सदा करता हुआ भी मेरी कृपा से सनातन अविनाशी परमपद को प्राप्त हो जाता है॥,56॥,

 

 

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

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