SCO Summit: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को उसी के घर में सुनाई खरी-खरी

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SCO Summit: आतंकी घटनाएं और व्यापारिक गतिविधियां एक साथ चलना नामुमकिन : एस जयशंकर
SCO Summit: आतंकी घटनाएं और व्यापारिक गतिविधियां एक साथ चलना नामुमकिन : एस जयशंकर

SCO Summit 2024 At Islamabad, (आज समाज), इस्लामाबाद: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को उसी के घर में खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने पड़ोसी मुल्क का नाम लिए बिना साफ कर दिया है कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते। अगर आतंकी वारदातें जारी रहेंगी तो किसी सूरत में व्यापारिक गतिविधियां नहीं बढ़ सकतीं।

इस्लामाबाद में एससीओ की मीटिंग आयोजित 

दरअसल, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की दो 23वीं बैठक थी और इसमें शामिल होने के लिए जयशंकर वहां गए हैं। वह आज एससीओ की मीटिंग में शामिल हुए।बैठक में अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसे आइना दिखाया।

बीते 9 वर्ष में पहली बार पड़ोसी मुल्क का दौरा करने वाले विदेश मंत्री ने कहा कि सहयोग के लिए एक-दूसरे का सम्मान करना जरूरी है।उन्होंने कहा, हमारी मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया के कई देश संकटों से दौर से गुजर रहे हैं। रूस-यूक्रेन और इजरायल व हमास के बीच संघर्ष चल रहे हैं और इसका खामियाजा पूरी दुनिया उठा रही है।

प्राकृतिक आपदाओं पर चिंता जताई

जयशंकर ने बैठक में कोरोना महामारी का भी जिक्र किया। इसके साथ ही प्राकृतिक आपदाओं पर उन्होंने चिंता जताई। विदेश मंत्री ने कहा, कोविड-19 के कारण कई विकासशील देश बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, वित्तीय कमजोरी और आपूर्ति श्रृंखला की अनिश्चितता विकास में बाधा बन रही है। उन्होंने एससीओ देशों के बीच भरोसा, मित्रता और आपसी तालमेल बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने सदस्यों देशों से अच्छे पड़ोसी बनने का भी आग्रह किया।

आतंकवाद, अलगावाद से जंग साझा चुनौती

जयशंकर ने कहा कि एससीओ के सामने कट्टरपंथ, आतंकवाद और अलगावाद से जंग की साझा चुनौती है। यदि भरोसे की कमी है अथवा पर्याप्त सहयोग नहीं है और मित्रता भी कम हो गई है तथा अच्छे पड़ोसी की भावना भी अगर नहीं है तो निश्चित तौर पर आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। विदेश मंत्री ने कहा, यह तभी मुमकिन है जब हम पूरी ईमानदारी के साथ चार्टर के प्रति अपनी बचनबद्धता की पुष्टि करें। यह केवल हमारे लाभ के लिए नहीं, बल्कि कई देशों को इससे फायदा हो सकता है।

पुनसंर्तुलन और वैश्वीकरण को नकारना असंभव

जयशंकर ने कहा, विश्व आज बहु-ध्रुवीयता की ओर बढ़ रहा है। पुनसंर्तुलन और वैश्वीकरण ऐसी असलियत हैं, जिन्हें किसी स्थिति में नकारा नहीं सकते। इन्होंने व्यापार, निवेश, ऊर्जा व अन्य क्षेत्रों में सहयोग के मौके उत्पन्न किए हैं। उन्होंने कहा, यदि हम इसे और आगे बढ़ाते हैं तो यह हमारे क्षेत्र के लिए बहुत फायदेमंद होगा।

विकास के लिए स्थिरता व शांति जरूरी

विदेश मंत्री ने कहा कि निरंतर विकास के लिए स्थिरता के साथ ही शांति भी जरूरी हैं। अगर सीमा पर कट्टरपंथ, आतंकवाद अथवा अलगाववाद होगा तो व्यापार, कनेक्टिविटी, ऊर्जा व लोगों के बीच रिश्तों को बढ़ावा देना असंभव होगा। जयशंकर ने कहा, औद्योगिक सहयोग से प्रतिस्पर्धा व श्रम बाजार बढ़ सकता है। उन्होंने कहा, छोटे व मध्यम उद्योगों के बीच अगर सहयोग होगा तो रोजगार के अवसर बनते हैं। जयशंकर ने कहा, जितना बड़ा नेटवर्क होगा, औद्योगिक समुदाय को उतना ज्यादा लाभ होगा। आपसी जुड़ाव अगर बेहतर होगा तो नए मार्ग खुल सकते हैं।

मिलकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं

जयशंकर ने कहा, लॉजिस्टिक एक ओर जहां बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, वहीं खाद्य, ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। इसके साथ ही शिक्षा, खेल व संस्कृति में भी काफी विकास मुमकिन हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि हम मिलकर काम करें। मिलकर हम बहुत कुछ कर सकते हैं।

योग व मोटे अनाज से पर्यावरण बेहतर होगा

विदेश मंत्री ने कहा, योग और मोटे अनाज से पर्यावरण को बेहतर करने में मदद मिलेगी। भारत सरकार ने इसको लेकर पहल की है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल बायोफ्यूल और इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस से जैव विविधता की सेफ्टी की जा सकती है। उन्होंने कहा, हमने भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को प्रदर्शित किया है। इसके साथ ही हमने महिला आधारित विकास के प्रभाव को भी दर्शाया है।

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