SCO Summit At Islamabad, (आज समाज), इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अगर इस्लामाबाद में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में आते तो बहुत अच्छा होता। गौरतलब है कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आज और कल एससीओ समिट होनी है और भारत की तरफ से इसमें भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान पहुंच चुका है।
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जल्द मोदी संग साथ बैठने का मौका मिलने की उम्मीद
नवाज शरीफ ने मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में कहा, मैं भारत के साथ हमेशा अच्छे संबंधों का पक्षधर रहा हूं और मुझे पूरी उम्मीद है कि एससीओ के जरिये भारत-पाकिस्तान के संबंधों को पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा। उन्होंने इस दौरान कहा कि यह बहुत अच्छा रहता, यदि पीएम मोदी भी एससीओ समिट में भाग लेने इस्लामाबाद आते। उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि बहुत जल्द पीएम मोदी और हमें साथ बैठने का अवसर मिलेगा।
भारत चांद पर पहुंच गया, पाक दुनिया से पैसा मांग रहा
लंबे टाइम के बाद ब्रिटेन की राजधानी लंदन से लौटे नवाज शरीफ भारत से अच्छे रिश्तों को लेकर पहले भी कई बार बात कर चुके हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री कई ई दफा कह चुके हैं कि भारत-पाक के बीच रिश्ते सुधरने चाहिए। नवाज शरीफ लंदन से पाकिस्तान लौटे थे, उसके बाद एक कार्यक्रम में पूर्व पाक पीएम ने कहा था कि उनका देश (पाकिस्तान) दुनिया से पैसा मांग रहा है, जबकि भारत आज चांद पर पहुंच गया है।
भारत के खजाने में 600 अरब डॉलर
नवाज शरीफ ने उस समय यह भी कहा था कि भारत आज जी20 की मेजबानी कर रहा है और उसके पास खजाने में आज 600 अरब डॉलर हैं। जबकि पाकिस्तान चीन व अरब समेत कई देशों से 1-1 अरब डॉलर मांग रहा है। ऐसे में उनके सामने हमारी क्या रिस्पेक्ट है। इस वर्ष मई में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की एक बैठक में नवाज शरीफ ने कारगिल युद्ध का गुनाह भी कबूला था।
पीएम शहबाज करेंगे बैठक की अध्यक्षता
पाकिस्तान के प्रधामनंत्री शहबाज शरीफ 15 और 16 अक्टूबर को अयोजित एसएसओ बैठक की अध्यक्षता करेंगे। पाकिस्तान की ओर से एक बयान जारी करके यह बात कही गई है। बैठक में कजाखस्तान,रूस और बेलारूस के प्रधामनंत्री भी शामिल हो रहे हैं। वहीं ईरान के उप राष्ट्रपति एससीओ समिट में भाग ले रहे हैं।
किले में तब्दील इस्लामाबाद
भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि विदेश मंत्री एय जयशंकर के इस दौरे के दौरान पड़ोसी मुल्क से किसी तरह की द्विपक्षीय बातचीत की कोई संभावना नहीं है। सम्मेलन के मद्देनजर इस्लामाबाद को किले में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षा में 9000 से भी अधिक सैनिक व पुलिसकर्मी लगाए गए हैं।
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