School Uniform Controversy: जम्मू-कश्मीर के एक स्कूल में मुस्लिम छात्राओं के अबाया पहनकर आने पर रोक, गरमाई सियासत

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School Uniform Controversy
जम्मू-कश्मीर के एक स्कूल में मुस्लिम छात्राओं के अबाया पहनकर आने पर रोक, गरमाई सियासत

Aaj Samaj (आज समाज), School Uniform Controversy, श्रीनगर। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के एक स्कूल में मुस्लिम छात्राओं के अबाया पहनकर स्कूल आने पर रोक लगाने के बाद घाटी में राजनीति गरमा गई है। मामला श्रीनगर के मुस्लिम बहुल इलाके रैनाबाड़ी में स्थित विश्व भारती हायर सेकेंडरी स्कूल का है। छात्राओं ने रोक के खिलाफ कल स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया। इस पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल कांफ्रेंस ने अबाया पर रोक लगाने की आलोचना की है।

स्कूल परिसर में अबाया उतारने को कहा : प्रिंसिपल

स्कूल के बाहर प्रदर्शन के दौरान कई छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें अबाया पहनने के कारण संस्थान में प्रवेश नहीं दिया गया। स्कूल के प्रिंसिपल मेमरोज शफी ने कहा कि छात्राओं से कहा गया था कि वे घर से स्कूल तक अबाया पहन सकती हैं, लेकिन उन्हें इसे स्कूल परिसर में उतार देना चाहिए।

अबाया यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं

मेमरोज शफी ने कहा कि अबाया यूनिफॉर्म का हिस्सा नहीं है। यूनिफार्म में सफेद कमीज सलवार और हिजाब शामिल है। जो सिर नहीं ढकना चाहता, वह हिजाब न पहने। कोई अनिवार्य नहीं है। यह छात्राओं की मर्जी है, लेकिन जो सिर ढककर आएगा उसे सफेद हिजाब पहनना होगा। वर्तमान में छात्राएं विभिन्न रंगों का अबाया पहनकर आती हैं।

जानिए क्या होता है अबाया

उत्तरी अफ्रीका और अरब प्रायद्वीप में इस्लामी प्रभाव वाले इलाकों में कुछ महिलाएं अबाया पहनती हैं। पारंपरिक अबाया काले होते हैं और लबादे की तरह इस पोशाक से चेहरे, पैर व हाथ को छोड़कर पूरे शरीर को ढका जाता है।

जानिए किस नेता ने क्या कहा

जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष द्रख्शां अंद्राबी ने कहा कि कॉलेजों में एक यूनिफॉर्म अनिवार्य है। हर पेशा एक ड्रेस कोड के अनुसार काम करता है, चाहे वह शिक्षक हों या डॉक्टर। उन्होंने कहा, अगर छात्र यूनिफॉर्म नहीं पहनेंगे तो शिक्षा व्यवस्था बिगड़ जाएगी।

पीडीपी की अध्यक्ष व जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड लागू करने यह कर्नाटक में शुरू हुआ और कश्मीर तक पहुंच गया। यह स्वीकार नहीं है। इस पर गंभीर प्रतिक्रिया होगी। कपड़े पहनना निजी पसंद है। इसमें बाध्यता नहीं होनी चाहिए। नेशनल कांफ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा, मुस्लिम बहुल केंद्र शासित प्रदेश में ऐसी घटनाएं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हिजाब पहनना व्यक्तिगत पसंद होनी चाहिए। धार्मिक पोशाक के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

ड्रेस कोड लगाने के पक्ष में नहीं बीजेपी

बीजेपी महासचिव अशोक कौल ने कहा, उनकी पार्टी ड्रेस कोड लगाने के पक्ष में नहीं है। यह एक धार्मिक मुद्दा है। हम न तो इसके खिलाफ हैं और न ही पक्ष में। अगर कोई साड़ी या सलवार पहनना चाहता है, तो कोई बाध्यता नहीं होनी चाहिए।

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