बैंक को 2,312 करोड़ रुपए का मुनाफा जबकि उम्मीद 4,106 करोड़ रुपए की थी
तीनों खातों का निपटारा हुआ तो बैंक को मिलेगी 16 हजार करोड़ से अधिक रकम
आज समाज नेटवर्क
मुंबई। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुनाफा हुआ है, लेकिन जितनी उम्मीद थी, उससे बहुत कम है। उम्मीद के अनुरूप मुनाफा न होने और बैंक की बिगड़ती वित्तीय हालत को लेकर इसके चेयरमैन रजनीश कुमार अब ईश्वर की शरण में हैं। रजनीश कुमार कहते हैं कि हर सुबह, मैं आसमान की तरफ देखता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि एनसीएलटी में गए तीनों बड़े खातों का जल्द से जल्द निपटारा हो जाए। इससे हमें 16,000 करोड़ रुपए से अधिक रकम मिलेगी। दरअसल एस्सार स्टील, भूषण पावर ऐंड स्टील तथा आलोक इंडस्ट्रीज के मामले एनसीएलटी में हैं, जिनके बैड लोन के लिए एसबीआई को 100% प्रोविजनिंग करनी पड़ी है। दिवाला एवं दिवालिया संहिता के तहत आए मामलों पर फैसला राष्टÑीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) लेता है। एसबीआई को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,312 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसे 4,876 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
4,106 करोड़ रुपए के मुनाफे की थी उम्मीद
बैंक को 4,106 करोड़ रुपए का मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन ट्रेजरी और रिटेल सेगमेंट के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कॉरपोरेट को दिया गया लोन डूबने की वजह से उसका मुनाफा उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। हालांकि, जून में समाप्त तिमाही के दौरान शुद्ध एनपीए कम होकर 3.07 प्रतिशत रह गया जो कि एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 5.29 प्रतिशत रहा था।
तीनों खातों का निपटारा हुआ तो बैंक को मिलेगी 16 हजार करोड़ से अधिक रकम
आज समाज नेटवर्क
मुंबई। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुनाफा हुआ है, लेकिन जितनी उम्मीद थी, उससे बहुत कम है। उम्मीद के अनुरूप मुनाफा न होने और बैंक की बिगड़ती वित्तीय हालत को लेकर इसके चेयरमैन रजनीश कुमार अब ईश्वर की शरण में हैं। रजनीश कुमार कहते हैं कि हर सुबह, मैं आसमान की तरफ देखता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि एनसीएलटी में गए तीनों बड़े खातों का जल्द से जल्द निपटारा हो जाए। इससे हमें 16,000 करोड़ रुपए से अधिक रकम मिलेगी। दरअसल एस्सार स्टील, भूषण पावर ऐंड स्टील तथा आलोक इंडस्ट्रीज के मामले एनसीएलटी में हैं, जिनके बैड लोन के लिए एसबीआई को 100% प्रोविजनिंग करनी पड़ी है। दिवाला एवं दिवालिया संहिता के तहत आए मामलों पर फैसला राष्टÑीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) लेता है। एसबीआई को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2,312 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में उसे 4,876 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
4,106 करोड़ रुपए के मुनाफे की थी उम्मीद
बैंक को 4,106 करोड़ रुपए का मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन ट्रेजरी और रिटेल सेगमेंट के अच्छे प्रदर्शन के बावजूद कॉरपोरेट को दिया गया लोन डूबने की वजह से उसका मुनाफा उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। हालांकि, जून में समाप्त तिमाही के दौरान शुद्ध एनपीए कम होकर 3.07 प्रतिशत रह गया जो कि एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 5.29 प्रतिशत रहा था।