Sawan Special Litti : ये है ‘सावन स्पेशल लिट्टी’, बिना प्याज-लहसुन के होती तैयार, रोजाना 1 हजार पीस की बिक्री

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Sawan Special Litti : ये है 'सावन स्पेशल लिट्टी', बिना प्याज-लहसुन के होती तैयार, रोजाना 1 हजार पीस की बिक्री
Sawan Special Litti : ये है 'सावन स्पेशल लिट्टी', बिना प्याज-लहसुन के होती तैयार, रोजाना 1 हजार पीस की बिक्री

Sawan Special Litti : सावन के मौके पर बिना लहसुन, प्याज की लिट्टी चोखा तैयार की जा रही है. यहां पहले धार्मिक आस्था को ध्यान रखा जाता है. ताकि हर कोई सावन के अवसर पर लिट्टी का स्वाद ले पाएं. अगर आपको भी घर पर इसको तैयार करना है तो यहां जानें रेसिपी.

भारतीय परंपरा में सावन का महीना गहरी आस्था और विशेष रिवाजों के साथ जुड़ा होता है. इस दौरान, लोग धार्मिक कारणों से लहसुन और प्याज जैसी चीज़ों से परहेज करते हैं, जो उनकी श्रद्धा और समर्पण को दर्शाता है. वहीं बिहार और झारखंड की बात करें, लिट्टी चोखा का विशेष महत्व होता है. सभी लोगों इसे बड़े चाव से खाते हैं.

ऐसे में अगर आप सावन महीने में बिना प्याज और लहसुन के स्वादिष्ट लिट्टी का आनंद उठाना चाहते हैं, तो बोकारो के चास में स्थित शंकर लिट्टी स्टॉल पर सावन को ध्यान रखते हुए बिना प्याज और लहसुन के स्वादिष्ट लिट्टी तैयार किया जाता है. जहां ग्राहक मात्र 10 रुपए शुद्ध घी के साथ लिट्टी का मजा ले सकते हैं.

लिट्टी दुकान के संचालक दुलाल ने लोकल 18 को बताया कि उनकी दुकान पर बीते 15 सालों से सावन के मौके पर बिना लहसुन प्याज के लिट्टी चोखा तैयार की जा रही है. यह पहल धार्मिक आस्था को ध्यान रखते लिया गया है, ताकि हर कोई सावन के अवसर पर लिट्टी का स्वाद ले पाए.

वहीं लिट्टी बनाने की रेसिपी को लेकर दुलाल ने बताया कि उनके यहां सावन परलिट्टी को तैयार करते समय, सत्तू, अजवाइन, मंगरेला, हरी मिर्च और अन्य मसालों का अच्छी तरह से मिश्रण कर आटे की लुई में भरकर कोयले के तंदूर में पकाया जाता है. चोखा तैयार करने के लिए उबले हुए आलू को सरसों तेल, नमक और टमाटर को मिलाकर चोखा तैयार किया जाता है. फिर ग्राहकों को गरमा गरम लिट्टी चोखा और धनिया, पुदीना की चटनी और खीरा के साथ दिया जाता है.

सामान्य दिनों में ग्राहकों को सलाद में प्याज, लहसुन से मिश्रित लिट्टी चोखा परोसा जाता है उनकी दुकान पर सादा लिट्टी चोखा की कीमत 8 रुपए प्रति है. और घी वाले लिट्टी की कीमत 10 रुपए प्रति पीस है. विक्रेता दुलाल ने बताया कि उनकी दुकान पर रोजाना 20 से 35 किलो आटा और 8 से 10 किलो सत्तू की खपत होती है. रोजाना उनकी दुकान पर 500 से 1000 पीस लिट्टी की बिक्री हो जाती है वहीं वह अपनी दुकान दोपहर 12:00 से लेकर शाम 7:00 बजे तक संचालित करते हैं.