Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर इस बार बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, पूरी होंगी मनोकामनाएं, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

0
216
Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर इस बार बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, पूरी होंगी मनोकामनाएं, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि पर इस बार बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग, पूरी होंगी मनोकामनाएं, जाने शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sawan Shivratri on August 02, आज समाज, नई दिल्ली:इस बार सावन शिवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर सकता है! यहां हम आपको इस खास दिन के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस माह आने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से अपार कृपा प्राप्त होती है।

जानिए क्या होती है सावन शिवरात्रि और कब है त्योहार

इस साल सावन शिवरात्रि शुक्रवार के दिन 2 अगस्त को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में, पूजा आमतौर पर निशाकाल (रात्रि के दूसरे भाग) में की जाती है, इसलिए सावन शिवरात्रि का व्रत 2 अगस्त को रखा जाएगा।

यह  बन रहा खास संयोग

इस बार सावन शिवरात्रि पर एक बहुत ही खास संयोग बन रहा है। 2 अगस्त को शुक्रवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी पड़ रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग शुभ कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा करने से जातक को मनचाही सफलता प्राप्त होती है।

 शिवरात्रि पर ऐसे करें भोले शंकर को प्रसन्न

व्रत रखें: सावन शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। पूरे दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें और रात्रि में शिवजी को जलाभिषेक करें।

जलाभिषेक करें: यदि आप रुद्राभिषेक नहीं कर पा रहे हैं, तो भी आप शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव को जल चढ़ा सकते हैं। साथ ही साथ तीन बेलपत्र भी चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से भी उतना ही पुण्य फल प्राप्त होता है।

रुद्राभिषेक करें: सर्वार्थ सिद्धि योग के शुभ संयोग में किया गया रुद्राभिषेक विशेष फलदायी होता है। यदि आप रुद्राभिषेक कर पा रहे हैं, तो गंगाजल में इत्र और ईख का रस मिलाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें।

रात्रि जागरण करें: कुछ श्रद्धालु सावन शिवरात्रि की रात जागरण भी करते हैं। रात्रि जागरण के दौरान आप ह्लॐ नम: शिवायह्व का जाप कर सकते हैं।

अस्वीकरण : यह लेख केवल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी पूजा-पाठ से पहले पंडित या ज्योतिषी से सलाह अवश्य लें।