Sawan Shayari: सावन पर भेजें ये खास प्रेम में डूबी, प्रकृति और भक्ति का संगम

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Sawan Shayari: सावन पर भेजें ये खास प्रेम में डूबी, प्रकृति और भक्ति का संगम
Sawan Shayari: सावन पर भेजें ये खास प्रेम में डूबी, प्रकृति और भक्ति का संगम

Sawan Shayari Quotes in Hindi: सावन का महीना ना केवल भगवान शिव की पूजा का पावन महीना है, बल्कि यह प्रेम, प्रकृति और भक्ति का भी संगम होता है। इस महीने में चारों ओर हरियाली छा जाती है और वातावरण सुगंध से भर जाता है।

सावन की शायरी इस महीने की भावनाओं को बखूबी व्यक्त करती है।

Sawan Ki Shayari

“झूम रही हैं बदरिया सावन की,बरस रहा है नीर धरती पे पानी की।मन में उमंग है त्योहार मनाने की,शिव को रिझाने की तैयारी है दानी की।”

“मेघों से बरसे सावन की बूँदें,हरियाली छाई धरती की गोद में।मन में उमंग है शिव की पूजा करने की,गंगा जल से नहलाने की ठंडी ठंडी ओद में।”

“बेलपत्र चढ़ाए, दीप जलाए,शिव शंकर को मनाए।सावन का महीना आया है,खुशियों की बहार लाया है।”

“नदियां बह रही हैं, झरने गा रहे हैं,पंछी मधुर स्वर गा रहे हैं।सावन का महीना आया है,प्रेम के रंग बिखेर लाया है।”

“शिव के दर्शन को चलो मंदिर,मन में हो शांति और निर्भर।सावन का महीना आया है,भक्ति का दीप जलाया है।”

सावन की शायरी न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति कृतज्ञता, भगवान शिव के प्रति भक्ति और प्रेम की भावना का भी एहसास कराती है।

यह शायरी हमें सिखाती है कि जीवन में खुशियां ढूंढने के लिए हमें प्रकृति के करीब रहना चाहिए, भगवान की भक्ति करनी चाहिए और प्रेम का मार्ग अपनाना चाहिए।

सावन की शायरी इस महीने को और भी खास बना देती है।

Best Sawan Quotes

नफ़स नफ़स पे यहाँ रहमतों की बारिश है
है बद-नसीब जिसे ज़िंदगी न रास आई
– पयाम फ़तेहपुरी

सावन की इस रिम-झिम में
भीग रहा है तन्हा चाँद
– इंद्र सराज़ी

पड़े हैं नफ़रत के बीच दिल में बरस रहा है लहू का सावन
हरी-भरी हैं सरों की फ़सलें बदन पे ज़ख़्मों के गुल खिले हैं
– हारून फ़राज़

ये हुस्न-ए-नौ-बहार ये सावन की बदलियाँ
पीना है फ़र्ज़ और न पीना हराम आज
– अज्ञात

Sawan Poetry in Hindi

रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन
ये और बात कि मौसम यही नुमू का है
– जुनैद हज़ीं लारी

बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर ‘अदम’
बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया
– अब्दुल हमीद अदम

Sawan Shayari 2 line

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है
– गुलज़ार

याद आई वो पहली बारिश
जब तुझे एक नज़र देखा था
– नासिर काज़मी

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
– निदा फ़ाज़ली

हम से पूछो मिज़ाज बारिश का
हम जो कच्चे मकान वाले हैं
– अशफ़ाक़ अंजुम

बरस रही थी बारिश बाहर
और वो भीग रहा था मुझ में
– नज़ीर क़ैसर

Rimjhim Sawan Shayari

वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
दिल-ए-बे-ख़बर मिरी बात सुन उसे भूल जा उसे भूल जा
– अमजद इस्लाम अमजद

अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
– गोपालदास नीरज

Sawani Shayari in Hindi

सावन एक महीने ‘क़ैसर’ आँसू जीवन भर
इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे
– क़ैसर-उल जाफ़री

हो लेने दो बारिश हम भी रो लेंगे
दिल में हैं कुछ ज़ख़्म पुराने धो लेंगे
– सदार आसिफ़

Sawan Quotes in Hindi

रहती है शब-ओ-रोज़ में बारिश सी तिरी याद
ख़्वाबों में उतर जाती हैं घनघोर सी आँखें
– अफ़ज़ाल नवेद

कल तिरे एहसास की बारिश तले
मेरा सूना-पन नहाया देर तक
– नीना सहर