Sawan Month: सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यधिक शुभ माना जाता है, जो मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। यह आमतौर पर शिव जी की भक्ति का समय होता है और इस दौरान भक्तजन व्रत और उपवास करते हैं।
यदि आप सावन के महीने में घर के मंदिर में कुछ वास्तु उपाय आजमाते हैं तो आपके जीवन में इसके सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। घर का मंदिर वह स्थान होता है जहां आप मानसिक शांति की तलाश में जाते हैं।
जब आप घर के मंदिर को वास्तु के अनुसार सजाते हैं तो आपके पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। सावन के दौरान वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मंदिर स्थापित करने से आध्यात्मिक वातावरण में वृद्धि हो सकती है और ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित हो सकता है।
घर का मंदिर ईशान कोण में रखें
यदि आपके घर का मंदिर किसी अन्य दिशा में है और आप उसी दिशा में बैठकर पूजा-पाठ करते हैं तो आप सावन के महीने में घर के मंदिर की दिशा ईशान कोण की तरफ कर लें। यह घर का उत्तर-पूर्व कोना होता है और इसी दिशा में मंदिर रखना शुभ माना जाता है।
यदि आप इस दिशा की तरफ घर का मंदिर रखती हैं और उसी स्थान पर बैठकर पूजा करती हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। ईशान कोण को घर की सबसे अच्छी दिशा माना जाता है और इसी दिशा में ईश्वर का वास होता है, इसी वजह से इस दिशा में मंदिर रखने की सलाह दी जाती है। यदि आप सावन के महीने में इस दिशा में मंदिर रखते हैं तो आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और घर में शांति, समृद्धि और सद्भाव आता है।
मंदिर में आम के पत्तों का तोरण लगाएं
यदि आप सावन के महीने में घर के मंदिर में आम के पत्तों का तोरण लगाते हैं तो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। आम के पत्तों में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा अवशोषित होती है जिससे ऊर्जा का प्रवाह आस-पास भी होने लगता है।
आम के पत्ते सावन की हरियाली से जुड़े हुए होते हैं, इसलिए वास्तु उपाय के रूप में यदि आप हरे पत्तों का तोरण लगाती हैं और इसे पीले फूलों से सजाती हैं तो ये किसी भी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है और सकारात्मकता लाता है।
मंदिर में शिवलिंग की करें स्थापना
यदि आपके घर के मंदिर में शिवलिंग मौजूद नहीं हैं और आप उनकी स्थापना करना चाहते हैं तो सावन के दौरान घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करें। आप घर में पूजन के लिए पारद शिवलिंग की स्थापना कर सकती हैं।
यदि आप घर में शिवलिंग की स्थापना करें तो उनका पूजन नियमित रूप से करना जरूरी माना जाता है। आपको शिवलिंग को रोज स्नान करवाने के बाद चंदन का तिलक लगाना चाहिए। इसके साथ ही आपको एक वास्तु उपाय के रूप में मंदिर की साफ़-सफाई का भी ध्यान रखने की जरूरत है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंदिर जमीन से ऊंचाई पर स्थित होना चाहिए और शिवलिंग की स्थापना अंदिर के भीतर एक चौकी पर करनी चाहिए।
सही दिशा में रखें मूर्तियां
आपको ध्यान देने की जरूरत है कि घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्तियों या चित्रों का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि अनुष्ठान करते समय भक्त का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा की तरफ ही होना चाहिए।
आपको कभी भी दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके पूजन नहीं करना चाहिए। यदि आप सावन में शिव जी का पूजन करें तो साथ में माता पार्वती का भी पूजन जरूरी माना जाता है। पूजन के दौरान बीच में भगवान शिव की मूर्ति रखें, क्योंकि सावन उन्हीं को समर्पित है। सुनिश्चित करें कि मूर्ति थोड़ी ऊपर चौकी पर रखी होनी चाहिए। सीधे जमीन पर कोई भी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
घर के मंदिर का मुख्य द्वार कैसा होना चाहिए
यदि आपके घर के मंदिर में दरवाजे लगे हैं, तो वो लकड़ी के बने होने चाहिए और ऐसा डिजाइन होना चाहिए जिसमें वेंटिलेशन की सही व्यवस्था हो। इसके दरवाजे बाहर की ओर खुलने चाहिए, जो सकारात्मक ऊर्जा को भीतर आने में मदद करे।