SATIRE: अरे बैताल आज तूं लठ्ठ लेकर क्यों तैयार है?

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अरे बैताल आज तूं लठ्ठ लेकर क्यों तैयार है?
देख न विक्रम । इन नेताओं ने हम बैतालों का मरने के बाद भी जीना दुश्वार कर रखा है। जब जिंदा था तब भी ये बकवास मारा करते थे। अब जब मर कर हम बैताल बन गए हैं तब भी चैन से रहने नहीं दे रे।
क्यों क्या हो गया?
बताओ भला। हम बैताल कम थे रात की चौकीदारी के लिए कि इन्होंने पूरे देश को चौकीदार बना दिया है। रात-रात भर ये नए नए बने चौकीदार लठ्ठ लेकर जगे रहते हैं। जहां कोई मिला नहीं कि सूत दे रहे हैं कायदे से।
अच्छा ये तो मुझे पता हीं नहीं था?
तूं रहा निपट मुर्ख। तुझे क्या पता चलेगा। हाल ऐसा है कि अगर तूं  चौकीदार  नहीं बना तो तुझे लोग देशद्रोही करार दे रहे हैं। और अगर तुने चौकीदार को गाली दे दी तो समझ तेरी सुताई पक्की है। लठ्ठ लेकर पिल पड़ेंगे ये चौकीदार।
अच्छा, चल ये लठ्ठ रख, तुझे घुमा लाऊं।
न मुझे नहीं जाना। मैं तो लठ्ठ लेकर चौकीदारी करूंगा। तुझे जाना है तो जा, पर मेरी सलाह मान ले। जागते रहो, जागते रहो कहते जाना, नहीं तो ये चौकीदार.. होलिया में उड़े रे गुलाल कर देंगे और पिछवाड़ा लाल कर देंगे। समझा कि नहीं।