- सोचो समझों बचो नशे से, जीवन जियो बड़े मजे से
Aaj Samaj (आज समाज), Sarvodaya Organization Bawaniya,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ : उप मंडल के गांव बवानिया में सर्वोदय संगठन के सदस्यों ने मिलकर नशे के प्रति बढ़ रही लत के विरुद्ध जागरूक अभियान चलकर लोगों को जागरूक किया। जिसमें संगठन के सदस्यों के साथ-साथ ग्राम पंचायत एवं गांव के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। पुरुषों के साथ-साथ महिला मंडली ने भी नशा मुक्ति अभियान को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और संदेश दिया की नशा एक ऐसी लत है जिससे न केवल घर बर्बाद होता है बल्कि समाज भी अंदर से खोखला हो जाता है। ग्रामीणों ने मिलकर नशा मुक्ति स्लोगनों का गलियों तथा मुख्य रास्तों पर जोरदार स्वर में उच्चारण किया और संदेश दिया की नशा जहां शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वहीं आर्थिक नुकसान भी पहुंचता है। इससे घर में शांति भंग होती है तथा विकास बाधित हो जाता है।
संगठन के सदस्यों ने ग्राम पंचायत बवानिया के साथ मिलकर गांव को नशा मुक्त करने का न केवल अभियान चलाया बल्कि भविष्य में गांव को बिल्कुल नशा मुक्त करने का भी संकल्प लिया। इसके लिए उन्होंने आपसी सहयोग के साथ आगे बढ़ने के लिए ग्रामवासियों के सहयोग की भी अपेक्षा की। उन्होने उन व्यक्तियों से भी नशा छोड़ने की विनम्र अपील की जो नशे की बुरी लत में संलिप्त हैं।
ग्रामवासियों ने विभिन स्लोगनों से नशा त्यागने की सलाह दी और प्रत्येक व्यक्ति तक नशा मुक्ति स्लोगनों को पहुंचाया, जिनमे मुख्य रूप से दारू नहीं जहर है, दुनिया पर देखो आता कहर है, जन जन की हो यही पुकार, नशा त्यागो अबकी बार, नशे की लत का करो समाधान, तभी बढ़ेगा तुम्हारा मान और सम्मान, परिवार से करो प्यार, नशे से करो इंकार, परिवार को जोड़ें, नशा नाश का चढ़ा है भाई, घर घर में है आग लगाई, पीटती पत्नी बिकते जेवर, छोड़ शराबी ऐसे तेवर, यदि सुख से चाहों तुम जीना, कभी भूलकर मद्य न पीना, नशे को दूर भगाना हैं, खुशहाली को लाना हैं, जब तक नही चरित्र विकास, तब तब कर्मकांड उपहास, दूषित करते तन मन शरीर, नशा बड़ा ही हैं शैतान, हमें बना देता है हैवान, मदिरा पीने में क्या शान, गली गली होता अपमान, सोचो समझों बचो नशे से, जीवन जियो बड़े मजे से, नशा नाश की जड़ है भाई, इससे दूर रहो हे भाई, मांस मदिरा बीड़ी पान असुर तत्व की हैं पहचान, व्यसनों की लत जिसने डारी, अपने पैर कुल्हाड़ी मारी, मान मिटा सम्पति नशानी, नशेबाज की यही कहानी, बढ़ते जिससे मनोविकार, ऐसी कला नरक का द्वार, दुर्गुण त्यागों बनो उदार आदि प्रेरकपूर्ण स्लोगन शामिल रहे।
ग्रामीणों ने इस पहल की जमकर सराहना की तथा कहा की इस प्रकार के अभियानों से उन व्यक्तियों की सोइ हुई आत्मा जग उठती जो कहीं न कहीं भटके हुए होते हैं। इस अवसर पर सर्वोदय संगठन, ग्राम पंचायत बवानिया, शिव मंदिर कमिटी के सदस्य एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
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