Aaj Samaj (आज समाज), Sarva Karmachari Sangh, मनोज वर्मा, कैथल:
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा की राज्य कमेटी के आह्वान पर कर्मचारियों के लम्बित मांग मुद्दों को लेकर 1 जुलाई से 6 अगस्त तक प्रदेश के सभी विधायकों को पूर्व नोटिस देकर प्रदर्शन करते हुए मांगपत्र सौंपे जायेंगे। इसी कड़ी में स्थानीय विधायक लीला राम व कलायत से विधायक कमलेश ढांडा को 2 जुलाई को नोटिस दिया जा चुका है और 8 जुलाई को दोनो विधायकों के आवासों पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों के मांग मुद्दों पर उनका पक्ष जाना जायेगा। इसकी तैयारियों को लेकर ब्लॉक प्रधान शिवदत्त शर्मा की अध्यक्षता और ब्लॉक सचिव मास्टर नारायण दत्त के संचालन में लघु सचिवालय परिसर में ब्लॉक कमेटी की मीटिंग की गई।
कर्मचारियों में भारी रोष
मीटिंग के बाद एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला प्रधान शिवचरण, जिला सचिव मास्टर रामपाल शर्मा, कैशियर रामकुमार, वरिष्ठ उपप्रधान ओमपाल भाल, उपप्रधान छज्जू राम, ऑडिटर सावित्री देवी, ब्लॉक प्रधान शिवदत्त शर्मा, ब्लॉक सचिव मास्टर नारायण दत्त व कैशियर विक्की टांक ने कहा कि 8 जुलाई को सुबह 10 बजे कैथल, कलायत और राजौंद के कर्मचारी अम्बाला रोड़ स्थित भवन निर्माण विभाग के कार्यालय प्रांगण में इक्कठे होकर दोनों विधायकों के आवासों तक प्रदर्शन करते हुए कर्मचारियों के लम्बित मांग मुद्दों पर उनका रुख रवैया जानेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार यूनियनों के द्वारा किए जा रहे आंदोलनों की अनदेखी कर रही है, जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष है।
पुरानी पेंशन की बहाली, कच्चे कर्मचारियों को नियमित करना, कौशल रोजगार निगम को भंग करना, विभागों की पुरानी वेतन विसंगतियों का समाधान करना जो कि सरकार की नीतियों के कारण और ज्यादा बढ़ती ही जा रही हैं आदि मांगों का समाधान तुरंत करने की जरूरत है। परन्तु विभागीय संगठनो द्वारा इन मांगों को लेकर किए जा रहे आंदोलन के प्रति सरकार का रूख सुनवाई न करने का बना हुआ है। सुनकर मांगों का समाधान करने की बजाय सरकार दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। कर्मचारियों की मांग न होने के बावजूद भी जबर्दस्ती कच्चे कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम में भेजा जा रहा है। विभागों में अनियमित कर्मचारियों की संख्या लाखों में पहुंच गई है।
सभी प्रकार के छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को बहाल किया जाए
जिनके न तो वेतन ही पर्याप्त हैं, ना ही किसी प्रकार की नौकरी की सुरक्षा की गारन्टी है, ना ही उनको किसी प्रकार के भत्ते व अन्य लाभ दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के द्वारा नियमितीकरण की कोई नीति नहीं बनाई गई है। सरकार ऐसी नीति बनाए जिसमें 2 साल से कार्यरत सभी प्रकार के कच्चे कर्मचारी नियमित हो सकें। सभी प्रकार के छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को बहाल किया जाए। एक्सग्रेसिया नीति को बिना शर्त लागू किया जाए ताकि कर्मचारी के साथ कोई भी हादसा होने पर परिवार आर्थिक रूप से संभल सके।
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