इशिका ठाकुर,करनाल:
पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर सरपंच बीडीपीओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे सरपंचों ने मंगलवार को जिला सचिवालय करनाल में पहुंच मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। मंगलवार को जिला सचिवालय में पहुंचे सरपंचों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इससे पहले सोमवार को बीडीपीओ कार्यालय में पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली का पुतला फूंका था ।
धरने पर बैठे सरपंचों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि …
बता दें कि करनाल जिले में 8 ब्लॉकों में सरपंच बीडीपीओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं। पूरे प्रदेश में ई-टेंडरिंग के विरोध में सरपंचों का धरना प्रदर्शन चल रहा है। करनाल जिले के सरपंचों का कहना जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तब तक विरोध जारी रहेगा। करनाल ब्लॉक सरपंच एसोसिएशन के प्रधान इसम सिंह ने कहा कि अगर सरकार समय रहते हमारी बातों पर अपनी सहमति नहीं बनाती है तो यह धरना इसी तरह से जारी रहेगा। धरने पर बैठे सरपंचों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरपंचों द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों की शक्ति 2 लाख से बढ़ाकर 30 लाख तक की जाए। 30 लाख तक के विकास कार्यो में ई टेंडरिगं प्रणाली को भी तुरंत बंद किया जाए।
मुख्यमंत्री उनकी इस मांग को जल्द पूरा करें
अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो सरपंच एसोसिएशन का विरोध प्रर्दशन जारी रहेगा। सरपंचों ने कहा कि हम अपनी मांग को लेकर पिछले काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं मान रही। वही देवेंद्र बबली के राइट टू रिकॉल वाले बयान पर उन्होंने बोलते हुए कहा कि देवेंद्र बबली के लिए राइट टू रिकॉल लागू करना चाहिए जो द्वारा इलेक्शन होंगे तब पता चलेगा कि उनके साथ विधानसभा के सिर्फ 5% लोग ही हैं 95% लोग उनके विरोध में है । उन्होंने कहा कि अगर सरकार के नुमाइंदे राइट टू रिकॉल लागू करना चाहते हैं 2 से पहले लोकसभा और विधानसभा के लिए भी यह नियम शुरू होना चाहिए। आज मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उन्होंने जिला उपायुक्त को सौंपा है। और अपील की है कि मुख्यमंत्री उनकी इस मांग को जल्द पूरा करें। अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती तो आंदोलन और तेज होगा।
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