प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर:
Saraswati Water Will Now Remain In Adibadri For 12 Months: हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने नारियल तोड़कर पाइप लाइन का उद्घाटन किया। इससे आदिबद्री सरस्वती सरोवर में अब 12 महीने सरस्वती जल रहेगा।
तीर्थ यात्रियों की भावनाओं का सम्मान (Saraswati Water Will Now Remain In Adibadri For 12 Months)
इस कार्य का मुख्य उद्देश्य सरस्वती सरोवर में तीर्थ यात्रियों को हर समय पानी उपलब्ध कराना है, इसके लिए उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने हर संभव प्रयास किए। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने विश्राम गृह आदिबद्री में हरियाणा सरकार द्वारा आदिबद्री क्षेत्र के विकास के लिए कराए जा रहे कार्यों को लेकर सबंधित विभागों के अधिकारियों व बोर्ड के मैम्बर्स की बैठक ली। बैठक में उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए कि इस ऐतिहासिक क्षेत्र के विकास से जुड़ी सी.एम. अनाऊसमैंट की सभी परियोजनाओं को तेज गति से पूरा करवाएं।
पाइप के माध्यम से पहुंचाया पानी (Saraswati Water Will Now Remain In Adibadri For 12 Months)
हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने बताया कि सरस्वती की सहायक सोमनदी से पाइप के माध्यम से पानी को उठाकर सरस्वती सरोवर में पहुंचाया। बहुत प्रयासों के बाद बुधवार को सरस्वती सरोवर में पानी गिरने के साथ यह सफल हो पाया है। उन्होंने कहा कि यहां पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को पवित्र पानी से सरस्वती सरोवर भरा मिलेगा। सरस्वती सरोवर में स्नान करने से मां सरस्वती की बहुत बड़ी कृपा होगी। उन्होंने कहा कि विश्व का कोई भी व्यक्ति माँ सरस्वती को यहां आकर जल अर्पित कर सकता है, इसके लिए हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड स्वागत करता है।
सभी से पवित्र स्थल के दर्शन का आमंत्रण (Saraswati Water)
उन्होंने कहा कि इस पवित्र स्थान पर सभी को आना चाहिए यहां पर श्री आदिबद्री मंदिर, श्री केदारनाथ नारायण मंदिर, श्री माता मंत्रादेवी मंदिर व श्री सरस्वती उदगम स्थल स्थित है। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रुप मे विकसित करने के लिए हरियाणा सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि श्री आदिबद्री, श्री केदारनाथ व श्री माता मंत्रादेवी क्षेत्रों में पर्यटक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पूरे क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए सरकार के द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने के लिए निर्माण कार्य हो रहे हैं। सरस्वती नदी भारत देश के इतिहास को जानने के मुख्य स्रोत हैं।
इतिहास के बारे में जानकारी देने की कोशिश (Adibadri)
आदिबद्री क्षेत्र और सरस्वती उद्गम स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से विशेष कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे कि क्षेत्र के निवासी सरस्वती नदी के इतिहास के बारे में जान सकें और सरस्वती वन्दना कर सके। इस अवसर पर सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन भट्टद्द, एसडीओ नितिन गर्ग, रविन्द्र, दीपक व सतीश नैन, जेई रविन्द्र, बलकार व आदित्य सरस्वती बोर्ड के मैम्बर रोचक गर्ग, नीरज जैन, नरेश और ऋषिपाल, मास्टर बाल कृष्ण व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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