Aaj Samaj (आज समाज), Sanskarshala Club and Sanskrit Department, पानीपत: आई. बी. महाविद्यालय, पानीपत में संस्कारशाला क्लब एवं संस्कृत विभाग के द्वारा अष्टमी के शुभ अवसर पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया।
संस्कृत विभाग की सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. अंजली ने पूरी विधि विधान के साथ इस हवन का शुभारम्भ मंत्रो उच्चारण के द्वारा किया प्राचार्य डॉ अजय गर्ग जी ने बताया की कॉलेज प्रबंधन की हमेशा से ये ही कोशिश रही है कि हम हमारे विद्यार्थियों को बुनियादी शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान भी दिलवाया जाए और हवन अथवा यज्ञ हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है, हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, नारियल, अन्न इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है। रसायन विभाग से प्रो इरा गर्ग यजमान रही।
सनातन धर्म में हवन का विशेष महत्व होता है : प्रो इरा गर्ग
प्रो इरा गर्ग ने बताया कि हवन से वातावरण शुद्ध होता है और बैक्टीरिया खत्म होते हैं, सनातन धर्म में हवन का विशेष महत्व होता है, घर की पवित्रता बनाए रखने के लिए तथा सकारात्मक शक्ति का संचार करने के लिए लोग अपने घरों में हवन करवाते हैं।
संस्कारशाला क्लब के संयोजक प्रो अश्वनी गुप्ता ने बताया की वायु प्रदूषण को कम करने के लिए भी ऋषि मुनि लोग यज्ञ किया करते थे और तब हमारे देश में कई तरह के रोग नहीं होते थे। डॉ अजय कुमार गर्ग जी ने संस्कारशाला क्लब की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हवन के उपरांत सभी उपस्थित जनों को प्रसाद वितरित किया गया। बी.सी.ए प्रथम एवं द्वितीय वर्ष से लगभग 20 छात्राओं ने भी आज के हवन में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।
हवन के उपरांत सुंदर काण्ड पाठ का भी आयोजन किया गया। डॉ नीलम दहिया, डॉ मधु शर्मा, प्रो इरा गर्ग, प्रो अंजलि गुप्ता, प्रो सोनल, प्रो मंजली, प्रो सोनिया वर्मा के द्वारा सुन्दर काण्ड के पाठ का उच्चारण किया गया। प्राचार्य डॉ अजय गर्ग ने बताया कि सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से नकारात्मक शक्तियां दूर चली जाती है।
सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की परेशानियां शीघ्र ही दूर होती हैं और साधक को श्री हनुमान जी से बल, बुद्धि और विद्या समेत सुख-संपत्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आज के हवन को सफल बनाने के लिए डॉ शर्मीला यादव, डॉ राजेश कुमार, डॉ नेहा, प्रो मंजू चांद, प्रो मंजू नरवाल, प्रो अंजू, प्रो नीरू, प्रो पूजा, प्रो विनय भारती, टिंकू, श्री गणेश, शालू का ख़ास योगदान रहा।