Sankashti Chaturth: इस दिन रखा जाएगा चैत्र माह की भालचंद्र सकंष्टी चतुर्थी का व्रत

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Sankashti Chaturth
Sankashti Chaturth: इस दिन रखा जाएगा चैत्र माह की भालचंद्र सकंष्टी चतुर्थी का व्रत

Sankashti Chaturth-2025, आज समाज डेस्क: सप्ताह का हर दिन देवी-देवताओं को समर्पित है। कई लोगों के लिए किसी दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है तो किसी के लिए बताया जाता है कि इस दिन इस देवी-देवता की पूजा-अर्चना उसके लिए फलदायी होती है। इसी तरह हर महीने में दो बार चतुर्थी का उपवास यानी व्रत रखा जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि चैत्र माह की संकष्टी चतुर्थी का पूजा के लिए क्या शुभ मुहूर्त होगा और कब व्रत रखा जाएगा।

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भगवान गणेश को समर्पित है व्रत

चैत्र माह में आने वाली संकष्टी चतुर्थी के व्रत को भालचंद्र चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी का उपवास भगवान गणेश को समर्पित है। यह व्रत करने से भक्त के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं।

विधिपूर्वक करें गणपति की पूजा

भालचंद्र सकंष्टी चतुर्थी के दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। घर-परिवार में चल रहे सभी संकटों से छुटकारा मिल जाता है और भक्त के सुख-सौभाग्य में सुधार होता है।

गणेश जी को जरूर अर्पित करें ये चीजें

संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति जी को मोदक, फल, फूल, दूर्वा और लड्डू जरूरत अर्पित करें। ज्योतिष के मुताबिक भालचंद्र सकंष्टी चतुर्थी के दिन इस बार सोमवार का शुभ संयोग भी बन रहा है। ऐसे में इसय दिन गणपति बप्पा यानी भगवान गणेश के साथ महादेव व माता पार्वती की भी उपासना भी जरूर करें।

चंद्रमा को अर्घ्य के बाद किया जाता है व्रत का पारण

पंचांग के मुताबिक चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 17 मार्च को शाम 7:33 मिनट पर शुरू होगी। चतुर्थी तिथि का समापन 18 मार्च को रात 10:9 मिनट पर होगा। चैत्र माह की भालचंद्र सकंष्टी चतुर्थी का व्रत 17 मार्च को रखा जाएगा। संकष्टी के दिन चंद्रोदय का समय रात 9:22 मिनट रहेगा। इस व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है।

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