Aaj Samaj (आज समाज), Sanjay Singh Suspension, नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह के राज्यसभा से निलंबन के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने कल रात भर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। मणिपुर हिंसा पर हंगामे के बीच संजय पर राज्यसभा में आसन के पास खड़े होकर सभापति से बहस करने का आरोप है, जिसके कारण उन्हें पूरे मानसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा भी मणिपुर हिंसा पर हंगामे के चलते कोई कामकाज नहीं हुआ।
- आप नेता ने आज सुबह फोटो ट्वीट किया
जानिए संजय पर क्या हैं आरोप
दरअसल मानसून सत्र के तीसरे दिन विपक्ष के 27 सांसदों ने नियम 267 के तहत कल मणिपुर हिंसा पर राज्यसभा में चर्चा की मांग के लिए नोटिस दिया था। सभापति जगदीप धनखड़ ने इसे स्वीकार नहीं किया। इस कारण सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे की वजह से स्थगित कर दी गई। 12 बजे से उच्च सदन में जब दोबारा प्रश्नकाल शुरू हुआ तो संजय सिंह सभापति धनखड़ के आसन के पास जाकर बहस करने लगे। धनखड़ ने उन्हें वापस अपनी सीट पर जाने के लिए कहा, लेकिन संजय सिंह नहीं माने।
चेतावनी के बावजूद पोडियम के पास सभापति से बहस करते रहे संजय
जगदीप धनखड़ ने संजय सिंह का नाम लिया और चेतावनी दी, फिर भी संजय सिंह सभापति के पोडियम के पास खड़े होकर बहस करते रहे। इसके बाद सभापति धनखड़ ने सरकार से संजय को निलंबित करने का प्रस्ताव लाने को कहा। इस पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल प्रस्ताव लाए और आप नेता संजय सिंहं को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। संजय सिंह ने आज सुबह फोटो ट्वीट कर कहा, हर रात की सुबह होती है। संसद का परिसर। बापू की प्रतिमा। मणिपुर को न्याय दो।
राजनाथ ने विपक्षी नेताओं से की बात, खड़गे ने रखी यह शर्त
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के गतिरोध को कम करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से फोन पर बात की, पर खड़गे ने पहले मणिपुर पर सदन के अंदर प्रधानमंत्री के बयान की शर्त रखी। एक रिपोर्ट के अनुसार राजनाथ ने द्रमुक नेता टीआर बालू सहित कई अन्य विपक्षी नेताओं से भी बात की है, लेकिन बात नहीं बनी।
सदन में आज भी भारी हंगामा होने के आसार
आज भी सदन में भारी हंगामा होने के आसार हैं। मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान 17 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार मानसून सत्र में 31 बिल ला रही है। इनमें 21 नए बिल हैं वहीं 10 बिल पहले संसद में किसी एक सदन में पेश हो चुके हैं। उन पर चर्चा होगी। सबसे ज्यादा चर्चित बिल दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़ा अध्यादेश है।
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